प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY)
हाल ही में श्रम पर संसदीय स्थायी समिति ने प्रधान मंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के कार्यान्वयन पर रिपोर्ट सौंपी है ।
रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष और सिफारिशें–
- PMKVY 3.0 के तहत चार लाख उम्मीदवारों में से केवल 8% को ही रोजगार प्राप्त हुआ है। राज्य कोषागार से धनराशि जारी करने में भी देरी देखी गई है।
- समाधानः अधिक स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रमाणन प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाया जाना चाहिए।
- कुल नामांकित उम्मीदवारों में से लगभग 20% ने बीच में ही प्रशिक्षण कार्यक्रम छोड़ दिया।
- समाधानः प्रशिक्षण बीच में छोड़ने वालों को रोकने के लिए आवश्यक उपाय किये जाने करने की जरूरत है।
- प्रशिक्षण कोर्स, पाठ्यक्रम और प्रदान किए गए व्यावहारिक कौशल उद्योगों की मौजूदा आवश्यकताओं के अनुरूप नहीं हैं।
- समाधानः उद्योगों के साथ साझेदारी में नियोजन के दौरान प्रशिक्षण और कोर्स प्रदान किए जा सकते हैं। साथ ही, रोजगार मेलों का आयोजन भी किया जा सकता है।
PMKVY (2015) को कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (MSDE) की प्रमुख योजना के रूप में शुरू किया गया था। यह लघु-अवधि के निःशुल्क कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करके कौशल विकास को प्रोत्साहन प्रदान करती है। यह युवाओं को कौशल प्रमाणन प्राप्त करने के लिए मौद्रिक पुरस्कार प्रदान करके इस योजना को प्रोत्साहित करती है।
इस योजना के दो प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं:
- केंद्र प्रायोजित केंद्रीय रूप से प्रबंधित (CSCM): इसमें लघु अवधि प्रशिक्षण, पूर्व शिक्षण की मान्यता और लघु/नवीन अवधि के प्रशिक्षण के लिए विशेष परियोजनाएं शामिल हैं। इसे राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) कार्यान्वित कर रहा है।
- केंद्र प्रायोजित–राज्य प्रबंधित (CSSM): इसका क्रियान्वयन राज्य कौशल विकास मिशन कर रहे हैं। यह घटक राज्य विशेष पारंपरिक कौशल के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण पहलों का समर्थन करता है।
स्रोत – द हिन्दू