प्रधान मंत्री आवास योजना– ग्रामीण (PMAY-G)
हाल ही में प्रधान मंत्री आवास योजना- ग्रामीण (PMAY-G) में नये बदलाव किये गए है।
इस योजना के तहत किए जा रहे कार्यों में वृद्धि करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा रहे हैं:
- मकानों की स्वीकृति और निर्माण कार्य पूरा होने के बीच के अंतराल जैसे विभिन्न मानकों पर इसकी निगरानी की जा रही है।
- केंद्रीय हिस्से और राज्य के हिस्से को कोषागार से स्टेट नोडल अकाउंट (SNA) में समय पर जारी करने पर बल दिया जा रहा है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहीन लाभार्थियों के लिए भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु राज्यों के साथ नियमित संपर्क स्थापित किया जा रहा है।
- “ग्रामीण राजमिस्त्री प्रशिक्षण कार्यक्रम” के तहत ग्रामीण राजमिस्त्री को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे बड़े पैमाने पर प्रशिक्षित ग्रामीण राजमिस्त्री उपलब्ध होंगे, जिससे गुणवत्तापूर्ण मकानों का तेजी से निर्माण हो सकेगा।
- इसके अलावा, हाल ही में, ग्रामीण विकास मंत्री ने इस योजना के कार्यान्वयन की कड़ी निगरानी के लिए PMAY-G डैशबोर्ड लॉन्च किया है।
इस डैशबोर्ड में शामिल हैं:
- सिंगल स्क्रीन विजुअलाइजेशनः इससे योजना की संपूर्ण भौतिक और वित्तीय प्रगति की जानकारी प्राप्त हो जाती है।
- राज्य स्तरीय रिपोर्टः इसमें ब्लॉक स्तर तक योजना से संबंधी सूचना प्राप्त की जा सकती हैं।
- इससे किस्त आदि जारी करने में लगने वाले समय/विलंब का विश्लेषण उपलब्ध होता है।
अब तक की उपलब्धियां
- राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को62 करोड़ (कुल का 88.81%) आवास आवंटित करने का लक्ष्य रखा गया है।
- राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों द्वारा27 करोड़ (कुल का 78.9%) लाभार्थियों के लिए मकान स्वीकृत किए गए हैं।
- 74 करोड़ मकानों का निर्माण पूरा कर लिया गया
PMAY-G के बारे में
- इसे वर्ष 2016 में शुरू किया गया था। इस योजना का उद्देश्य बुनियादी सुविधाओं से युक्त95 करोड़ पक्का मकान बनाने के लिए पात्र ग्रामीण परिवारों को सहायता प्रदान करना है।
- लाभार्थियों का चयन सामाजिक, आर्थिक और जातिगत जनगणना (SECC), 2011 में उल्लिखित आवास अभाव मानकों के आधार पर किया जाता है।
- ग्राम सभाओं द्वारा इन मानकों का सत्यापन किया जाता है। लागत को केंद्र और राज्य सरकारों के बीच मैदानी क्षेत्रों में 60:40 के अनुपात में और पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्यों के लिए 90:10 के अनुपात में साझा किया जाता है।
स्रोत –द हिन्दू