मोरक्को में विनाशकारी भूकम्प

मोरक्को में विनाशकारी भूकम्प 

हाल ही में मोरक्को के मराकेश-सफी क्षेत्र में 6.8-6.9 तीव्रता का भूकंप आया था, जो देश में पिछले लगभग 120 साल में आया सबसे विनाशकारी भूकम्प है।

तुर्की-सीरिया में आये भूकंप के बाद यह 2023 का दूसरा सबसे घातक भूकंप है। इसमें 2,000 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है । भूकंप के बाद मोरक्को सरकार ने तीन दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की।

भूकंप का केंद्र एटलस पर्वत पास स्थित था । एटलस पर्वत मोरक्को, अल्जीरिया और ट्यूनीशिया में  फैला हुआ है। इस एटलस श्रेणी की सबसे ऊंची चोटी मोरक्को में स्थित तूबक़ाल (Toubkal) पर्वत है।

मोरक्को में भूकंप आने का कारण:

  • यू.एस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, मोरक्को अफ़्रीकी प्लेट और यूरेशियन प्लेट, के बीच स्थित अज़ोरेस-जिब्राल्टर ट्रांसफ़ॉर्म फ़ॉल्ट के करीब स्थित है। जिसके कारण मोरक्को के उत्तरी क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
  • पूर्वोत्तर मोरक्को के अल होसेइमा में 2004 में ऐसे ही तेज भूकंप के झटके महसूस किये गए थे।
  • इसके अतिरिक्त मोरक्को के पड़ोसी देश अल्जीरिया में 1980 के दौरान इतिहास में सबसे बड़े और सबसे विनाशकारी भूकंप 7.3 तीव्रता का था।

मोरक्को:

  • मोरक्को उत्तरी अफ़्रीका के मगरेब क्षेत्र में एक देश है। इसकी राजधानी रबात है, जबकि इसका सबसे बड़ा शहर कैसाब्लांका है।
  • इसके उत्तर में भूमध्य सागर और पश्चिम में अटलांटिक महासागर है। मोरक्को की सीमा पूर्व में अल्जीरिया और दक्षिण में पश्चिमी सहारा के क्षेत्र से लगती है।
  • जिब्राल्टर जलडमरूमध्य स्पेन को मोरक्को से अलग करता है। एवं जिब्राल्टर जलसन्धि पूर्व में भूमध्य सागर को पश्चिम में अटलांटिक महासागर से जोड़ती है
  • मराकेश मोरक्को का चौथा सबसे बड़ा शहर है। यहाँ 1994 में, विश्व व्यापार संगठन की स्थापना हेतु मराकेश समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे ।

भूकंप की उत्पति के कारण:

  • भू-पटल में होने वाले अंतर्जनित आकस्मिक कंपन या संचलन, जिसकी उत्पत्ति प्राकृतिक रूप से भू-तल के नीचे (भू-गर्भ में) होती है, भूकंप कहलाते हैं।
  • सामान्यतः भूकंप की उत्पत्ति विवर्तनिक क्रिया, ज्वालामुखी क्रिया, समस्थितिक समायोजन के कारण भू-पटल तथा उसकी चट्टानों में संपीडन एवं तनाव के चलते चट्टानों में उथल-पुथल होने के कारण होती है
  • ज्वालामुखी क्रिया द्वारा भू-गर्भ से तप्त मैग्मा, जल तथा गैसें आदि ऊपर निकलने के लिये चट्टानों पर तेजी से धक्के लगाती हैं तथा दबाव डालती हैं जिसके कारण भूकंप उत्पन्न होते हैं।

भूकंपीय तीव्रता का मापन (Measurement of Earthquake Intensity):

  • भूकंपीय तीव्रता का मापन दो पैमानों के आधार पर किया जाता है ,मरकेली पैमाना तथा रिक्टर पैमाना । रिक्टर पैमाने का प्रयोग भूकंपीय परिमाण के मापन के लिये वर्तमान में सर्वाधिक किया जाता है।
  • इस पैमाने पर 1 से 9 तक की संख्याएँ अंकित होती हैं। इसमें हर आगे वाली संख्या अपने पीछे वाली संख्या के 10 गुने भूकंपीय परिमाण को प्रदर्शित करती है।

स्रोत – द हिन्दू

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