प्रधानमंत्री ने WHO को मजबूत करने और उसमें सुधार करने का सुझाव दिया
प्रधान मंत्री ने दूसरे वैश्विक कोविड वर्चुअल शिखर सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान प्रधान मंत्री ने संस्थानों में सुधारों की आवश्यकता को रेखांकित किया है।
शिखर सम्मेलन की सह-मेजबानी संयुक्त राज्य अमेरिका ने की थी।
यह सम्मेलन ‘महामारी की थकान की रोकथाम और तैयारी को प्राथमिकता’ (Preventing Pandemic Fatigue and Prioritizing Preparedness) थीम के साथ आयोजित हुआ।
पहला वैश्विक कोविङ–19 शिखर सम्मेलन–
- सितंबर 2021 में आयोजित किया गया था।
- शिखर सम्मेलन में वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा अवसंरचना को अधिक लोचशील बनाने के लिए सुधारों की आवश्यकता को रेखांकित किया गया।
रेखांकित किए गए प्रमुख सुधार निम्नलिखित हैं:
- बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधी पहलुओं (TRIPS) से संबंधित विश्व व्यापार संगठन (WTO) के नियमों को लचीला बनाया जाए।
- टीकों और उपचारों के लिए WHO की अनुमोदन प्रक्रिया को कारगर बनाया जाए। इससे आपूर्ति श्रृंखला को बनाये रखने और पूर्वानुमान लगाने में मदद मिलेगी।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन के वित्त पोषण और अभिशासन तंत्र में परिवर्तन एवं सुधार किये जाये। साथ ही, इसके फंड के उपयोग में पारदर्शिता लायी जाये।
- WHO के नियमित बजट को भी बढ़ाया जाना चाहिए। इससे विकासशील देशों पर भारी वित्तीय बोझ डाले बिना मुख्य गतिविधियों को इसके बजट से ही वित्त पोषित किया जा सकेगा।
- “अंतर्राष्ट्रीय चिंता वाली लोक स्वास्थ्य आपात स्थिति” (public health emergency of international concern: PHEIC) घोषित करने के लिए स्पष्ट मापदंडों के साथ उद्देश्य मानदंड’ तैयार किये जाये।
WHO के मुख्य कार्य
- नेतृत्व प्रदान करना उन मामलों में जो स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं और भागीदारी को बढ़ावा देना, जहाँ संयुक्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
- अनुसंधान एजेंडा को आकार देना और मूल्यवान ज्ञान के अनुवाद एवं प्रसार को प्रोत्साहित करना।
- मानदंड और मानक स्थापित करना एवं उनके कार्यान्वयन को बढ़ावा देना तथा निगरानी करना।
- नैतिक और साक्ष्य आधारित नीतिगत विकल्पों को स्पष्ट करना।
- तकनीकी सहायता प्रदान करना और परिवर्तन को उत्प्रेरित करना तथा सतत संस्थागत क्षमता का निर्माण करना।
- स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी करना और स्वास्थ्य प्रवृत्तियों का आकलन करना।
स्रोत –द हिन्दू