भारत के प्रधान मंत्री फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस समारोह में विशेष अतिथि के तौर पर शामिल
हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति श्री इमैनुएल मैक्रॉन के निमंत्रण पर मुख्य अतिथि के रूप में बैस्टिल डे परेड (Bastille Day Parade) में शामिल हुए हैं।
विदित हो कि फ्रांस 14 जुलाई को ही अपना राष्ट्रीय दिवस मनाता है। जिसे बैस्टिल दिवस के नाम से भी जाना जाता है।
इस दौरान भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक सैन्य बैंड के नेतृत्व में सेना के तीनों अंगों की 241 सदस्यीय भारतीय सशस्त्र बलों की टुकड़ी ने भी परेड में भाग लिया।
भारतीय सेना की टुकड़ी का नेतृत्व पंजाब रेजिमेंट और राजपूताना राइफल्स रेजिमेंट ने एक साथ किया है।
इसके साथ ही हाशिमारा के 101 स्क्वाड्रन से भारतीय वायु सेना के राफेल जेट विमान परेड के दौरान फ्लाई पास्ट का हिस्सा बने।
बैस्टिल दिवस की पृष्ठभूमि
1789 में 14 जुलाई के दिन क्रांतिकारियों द्वारा फ़्रांस (पेरिस) के बैस्टिल किले पर हमला किया गया था, जिसमें बैस्टिल का कमांडर मारा गया और कैदियों को भीड़ ने रिहा कर दिया था।
बैस्टिल पेरिस में 14वीं सदी की एक किले की जेल थी, जिसमें एक निरंकुश राजा शासन करता था। बैस्टिल दिवस को राजशाही के अंत के प्रतीक के रूप में देखा जाता है ।
यह एक कार्यक्रम ‘फेटे डे ला फेडरेशन’ की वर्षगांठ भी है। इसे फ्रांसीसी लोगों की एकता का जश्न मनाने के लिए 1790 में आयोजित किया गया था ।
बैस्टिल पर हमले का महत्त्व
पुराने निरंकुश सत्ता के खिलाफ पेरिस के लोगों की यह पहली जीत थी। यह फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत का प्रतीक है।
इस क्रांति के द्वारा ही दुनिया भर में लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों अर्थात् स्वतंत्रता, समानता, भाईचारे का प्रसार किया था ।
इस जीत के पश्चात ही लुई XVI ने नेशनल असेंबली को मान्यता प्रदान कर दी थी और यह स्वीकार किया कि उसकी शक्तियों पर संविधान का नियंत्रण होगा।
बैस्टिल विजय के बाद फ्रांस एक संवैधानिक राजतंत्र बन गया । बाद में नेशनल असेंबली ने 1791 में संविधान का मसौदा पूरा किया है ।
स्रोत – द हिन्दू