सुरक्षित वैकल्पिक परिवहन नेटवर्क “पर्वतमाला” की घोषणा
हाल ही में केंद्रीय बजट में एक कुशल और सुरक्षित वैकल्पिक परिवहन नेटवर्क, “पर्वतमाला” की घोषणा की गई है ।
- केंद्रीय वित्त मंत्री ने वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट में राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम “पर्वतमाला” की घोषणा की थी। यह कार्यक्रम दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में पारंपरिक सड़कों के स्थान पर एक बेहतर और पारिस्थितिक रूप से संधारणीय विकल्प प्रदान करेगा।
- यह कार्यक्रम पर्यटन को बढ़ावा देगा। इसके अतिरिक्त, यह यात्रियों के लिए संपर्क और सुविधाओं में सुधार पर भी केंद्रित होगा।
- यह कार्यक्रम फिलहाल उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, जम्मू और कश्मीर तथा अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में शुरू किया जा रहा है।
- फरवरी 2021 में, भारत सरकार (कार्य आवंटन) नियम 1961 में संशोधन किया गया था। यह संशोधन, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को रोपवे एवं वैकल्पिक परिवहन के विकास कार्यों की देखरेख करने में सक्षम बनाता है।
रोपवे के बुनियादी ढांचे को संचालित करने वाले प्रमुख कारक
- रोपवे परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण की लागत कम होती है।
- यह परिवहन का तीव्र विकल्प है।
- यह पर्यावरण के अनुकूल है, क्योंकि इससे धूल आदि जैसे प्रदूषक उत्पन्न नहीं होते हैं।
- रोपवे परिवहन साधन प्रति घंटे 6000-8000 यात्रियों को ले जा सकते हैं (लास्ट माइल कनेक्टिविटी)।
रोपवे के लाभ
- यह दुर्गम/चुनौतीपूर्ण/संवेदनशील क्षेत्रों के लिए आदर्श विकल्प है।
- रोपवे में कई कारें होती हैं। वे केवल एक एकल पावर प्लांट और ड्राइव तंत्र द्वारा संचालित होती हैं। यह निर्माण और रखरखाव लागत, दोनों को कम करता है।
- रोपवे से विभिन्न प्रकार की सामग्री का एक साथ परिवहन किया जा सकता है।
- रोपवे और केबल-वे (केबल क्रेन) बड़ी ढलानों और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में कार्यशील हैं।
स्रोत –द हिन्दू