पार्टनरशिप फॉर ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट (पीजीआईआई)

पार्टनरशिप फॉर ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट (पीजीआईआई)

हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति श्री जो बाइडेन ने नई दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन के इतर ‘पार्टनरशिप फॉर ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इन्वेस्टमेंट (पीजीआईआई)’ के लिए साझेदारी कार्यक्रम अध्यक्षता की।

पीजीआईआई एक विकासात्मक पहल है जिसका उद्देश्य विकासशील देशों में इंफ्रास्ट्रक्चर में कमी को दूर करने के साथ-साथ वैश्विक स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति में तेजी लाने में मदद करना है। यह विकासशील देशों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की फंडिंग करने के लिए G7 देशों का एक सहयोगात्मक प्रयास है।

इसका उद्देश्य सस्टेनेबल, इंक्लूसिव, रेसिलिएंस और क्वालिटी इंफ्रास्ट्रक्चर में सार्वजनिक और निजी निवेश को आगे बढ़ाना है। इस साझेदारी के माध्यम से, G7 का लक्ष्य साझेदार देशों में इंफ्रास्ट्रक्चर के निवेश की कमी को दूर करने के लिए 2027 तक 600 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक जुटाना है।

पीजीआईआई की घोषणा 2021 में यूनाइटेड किंगडम में आयोजित हुए G-7 शिखर सम्मेलन के दौरान की गई थी। पीजीआईआई  के तहत घोषित एक अन्य परियोजना ट्रांस- अफ्रीकन कॉरिडोर है। यह अंगोला के लोबिटो बंदरगाह को कांगो के कटंगा प्रांत और जाम्बिया में कॉपर बेल्ट से जोड़ेगा।

भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईई-ईसी) का रेल और शिपिंग गलियारा ग्लोबल इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट के लिए साझेदारी (पीजीआईआई) का हिस्सा है। पीजीआईआई को चीन की बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।

बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई):

  • चीन ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में 2013 में बेल्ट एंड रोड पहल शुरू की थी ।
  • इसका उद्देश्य चीन से लेकर यूरोप में रोम से होकर पूर्वी एशिया तक आवागमन के प्राचीन व्यापारिक मार्गों को पुनर्जीवित करना है।
  • बीआरआई में भागीदारी करने वाले कई देश चीन की ऋण जाल कूटनीति में फंस गए हैं। उदाहरण के लिए इटली अब इस पहल से बाहर निकलने की योजना बना रहा है।
  • क्षेत्रीय विवाद: बीआरआई में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा शामिल है , जो चीन के काशगर को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के माध्यम से पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है ।
  • विदित हो कि जी7 की पीजीआईआई पहल का लक्ष्य बीआरआई को अधिक पारदर्शी और टिकाऊ विकल्प प्रदान करना है।

स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस

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