पुलिस प्रशिक्षण, आधुनिकीकरण और सुधारों पर संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट
हाल ही में पुलिस प्रशिक्षण, आधुनिकीकरण और सुधारों पर संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट संसद में प्रस्तुत की गयी है ।
रिपोर्ट में रेखांकित किए गए प्रमुख मुद्दे:
- मॉडल पुलिस अधिनियम, 2006, पुलिस आधुनिकीकरण के लिए लागू किया गया था। इसके अधिनियमन के 15 वर्षों के बाद भी, केवल 17 राज्यों ने या तो इस पर कानून बनाए हैं या अपने मौजूदा कानूनों में इसके अनुसार संशोधन किए हैं।
- साइबर अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। इसके बावजूद पंजाब, राजस्थान, गोवा, असम आदि जैसे कई राज्यों में एक भी साइबर अपराध प्रकोष्ठ नहीं है।
- अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और पंजाब जैसे संवेदनशील राज्यों के कई पुलिस थानों में टेलीफोन या उचित वायरलेस कनेक्टिविटी की सुविधा नहीं है।
- पुलिस कर्मियों की कमी (लगभग 21 प्रतिशत), अत्यधिक तनाव और दबाव, आवास संबंधी असंतुष्टि आदि अन्य समस्याएं मौजूद हैं।
समिति की प्रमुख सिफारिशें
- अपराधों की जांच-प्रक्रिया को कानून एवं व्यवस्था से अलग रखना चाहिए। इससे जवाबदेही सुनिश्चित होगी। साथ ही, अपराधों की जांच में पुलिस को और अधिक स्वायत्तता मिल सकेगी।
- प्रत्येक जिले में कम से कम एक ऐसा पुलिस थाना बनाना चाहिए, जहां सभी पुलिसकर्मी महिला हों। इसके अलावा, पुलिस बल में महिलाओं के 33 प्रतिशत प्रतिनिधित्व (वर्तमान में 3 प्रतिशत) के लिए रोडमैप तैयार करना चाहिए।
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), ड्रोन प्रौद्योगिकी, फोरेंसिक, बैलिस्टिक विज्ञान आदि पर प्रशिक्षण/जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।
- जनजातीय क्षेत्रों में अपराधों से निपटने के लिए अलग प्रशिक्षण मॉड्यूल लागू किया जाना चाहिए। पुलिस के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया पर राज्य के प्रयासों के बारे में जानकारी को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। इससे अन्य राज्यों में प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा होगी और आधुनिकीकरण में पिछड़े राज्यों पर दबाव बनाया जा सकेगा।
अन्य संबंधित जानकारी
केंद्र सरकार ने वर्ष 2025-26 तक पांच वर्षों के लिए पुलिस बलों के आधुनिकीकरण की योजना को जारी रखने की स्वीकृति दी है।
इस योजना के निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- राज्य पुलिस बलों को अत्याधुनिक तकनीकों से पर्याप्त रूप से लैस करना।
- उनके प्रशिक्षण बुनियादी ढांचे को मजबूत करना।
- इससे आंतरिक सुरक्षा और कानून व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना एवं केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों पर राज्य सरकारों की निर्भरता में कमी होगी।
स्रोत –द हिन्दू