तमिलनाडु और कर्नाटक में ऑनलाइन गैंबलिंग पर प्रतिबंध
हाल ही में केरल और तमिलनाडु के बाद, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कर्नाटक सरकार के ऑनलाइन गैंबलिंग पर प्रतिबंध को अमान्य घोषित कर दिया है ।
- कर्नाटक उच्च न्यायालय ने कर्नाटक पुलिस अधिनियम, 1963 में महत्वपूर्ण संशोधनों को असंवैधानिक करार देते हुए उन्हें रद्द कर दिया है। ये संशोधन ऑनलाइन गैंबलिंग सहित राज्य में सभी प्रकार की गैंबलिंग (धूत गतिविधियों) पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित थे।
- इस अधिनियम में गेमिंग की परिभाषा में कौशल के खेल को संयोग के खेल (Games of chance) के साथ जोड़ दिया गया था। इसी आधार पर इस अधिनियम को चुनौती दी गई थी।
- एक खेल को कौशल का खेल तब कहा जाता है, जब एक खिलाड़ी एक कौशल को सीखने, अभ्यास करने और उसे बढ़ाने में अपना समय लगाता है। कौशल के खेल गैंबलिंग के दायरे से बाहर हैं।
- दूसरी ओर, संयोग के खेल को गैंबलिंग माना जाता है। ये खेल भाग्य और अनिश्चितता जैसे कारकों पर अधिक निर्भर करते हैं।
- ऑनलाइन गेम उन खेलों को संदर्भित करते हैं, जो किसी न किसी रूप में कंप्यूटर नेटवर्क पर खेले जाते हैं। ये गेम अक्सर इंटरनेट पर खेले जाते हैं।
- ऑल इंडिया गेमिंग फेडरेशन के अनुसार, भारत के ऑनलाइन गेमिंग उद्योग का मूल्य वर्ष 2023 तक 15,500 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
- वर्ष 2019 के एक सर्वेक्षण के अनुसार विश्व में ऑनलाइन गेम खेलने वालों की दूसरी सर्वाधिक संख्या भारत में है।
ऑनलाइन गेमर्स की बढ़ती संख्या के पीछे कारण:
- स्मार्टफोन तक बेहतर पहुंच और इंटरनेट डेटा की कम कीमत।
- ऑनलाइन गेमिंग के लिए सामाजिक कलंक की धारणा और प्रतिरोध धीरे-धीरे समाप्त होते जा रहे हैं।
- महामारी के कारण विद्यालयों का लंबे समय तक बंद रहना भी एक कारक है।
चिंताएं:
ऑनलाइन गेमिंग शारीरिक, सामाजिक और भावनात्मक हानि का कारण बनती है। यह नींद, भूख, करियर और सामाजिक जीवनचर्या को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करती है।
स्रोत –द हिन्दू