वन हेल्थ संयुक्त कार्य योजना (2022-2026) आरंभ
हाल ही में वन हेल्थ संयुक्त कार्य योजना (2022-2026) आरंभ की गई है। इसका उद्देश्य मनुष्यों, जानवरों, पौधों और पर्यावरण के समक्ष विद्यमान स्वास्थ्य संबंधी खतरों से निपटना है।
यह योजना निम्नलिखित चार संगठनों ने शुरू की है:
- खाद्य आर कृषि सगठन (FAO),
- संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP),
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), और
- विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (WOAH)
वन हेल्थ सहयोग, संचार, समन्वय तथा क्षमता निर्माण के संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम माध्यम से एक सतत और स्वस्थ भविष्य को बढ़ावा देता है। इसका लक्ष्य क्षमता और प्रणालियों को एकीकृत करने के लिए एक ढांचा तैयार करना है। इससे स्वास्थ्य संबंधी खतरों को सामूहिक रूप से बेहतर ढंग से रोकने, पूर्वानुमान लगाने, पता लगाने और आवश्यक कदम उठाने में मदद मिलेगी।
यह योजना छह परस्पर संबद्ध कार्रवाइयों पर निर्मित की गई है। ये कार्रवाइयां सतत स्वास्थ्य और खाद्य प्रणालियोंको प्राप्त करने में सामूहिक रूप से योगदान करती हैं।
इन छह कार्रवाइयों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने के लिए वन हेल्थ क्षमताओं को बढ़ाना;
- पशुजन्य (zoonotic) रोगों के एपिडेमिक और पेंडेमिक में बदलने के खतरों को कम करना;
- पशुजन्य (जूनोटिक) महामारी, उपेक्षित उष्णकटिबंधीय और वाहक जनित रोगों का नियंत्रण एवं उन्मूलन करना;
- खाद्य सुरक्षा संबंधी जोखिमों के आकलन, प्रबंधन और संचार को मजबूत करना;
- धीरे-धीरे वैश्विक महामारी बनते जा रहे रोगाणुरोधी प्रतिरोध (Antimicrobial Resistance: AMR) पर अंकुश लगाना; तथा वन हेल्थ में पर्यावरण को एकीकृत करना।
- वन हेल्थ एक एकीकृत और समन्वित दृष्टिकोण है। इसका उद्देश्य मनुष्यों, जानवरों, पादपों और पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य को सतत रूप से संतुलित एवं अनुकूलित करना है।
वन हेल्थ के समक्ष प्रमुख चुनौतियां निम्नलिखित हैं:
- नई संक्रामक बीमारियों का उभरना,
- एंडेमिक जूनोटिक और वाहक जनित बीमारियों का बोझ लगातार बढ़ रहा है,
- विश्व भर में खाद्य और जल संरक्षण से संबंधित खतरों में वृद्धि हो रही है आदि।
स्रोत – द हिन्दू