ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) की प्रगति की समीक्षा
हाल ही में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने ‘ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स’ (ONDC) की प्रगति की समीक्षा की है।
ONDC अब तक सीमित उपयोगकर्ता समूह के साथ शुरू से अंत तक क्रियान्वयन परीक्षण कर रहा था, ताकि उनकी आवश्यकताओं को समझा जा सके। अब वह सीमित क्षेत्रों में जनता के साथ दूसरे चरण का परीक्षण शुरू करने की योजना बन रहा है।
- ONDC पूरे विश्व में अपनी तरह की एकमात्र पहल है। इसे उद्योग संवर्द्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने शुरू किया है।
- इस पहल का उद्देश्य डिजिटल एकाधिकार को समाप्त करना तथा खरीदारों और विक्रेताओं के लिए उद्योग को अधिक समावेशी बनाना है।
- यह ओपन सोर्स तकनीक पर विकसित ओपन नेटवर्क को बढ़ावा देता है। यह ओपन स्पेसिफिकेशन और नेटवर्क प्रोटोकॉल का उपयोग करता है। साथ ही, यह किसी विशेष प्लेटफॉर्म से स्वतंत्र है।
- ओपन सोर्स का अर्थ है कि प्रक्रिया के लिए जिस तकनीक या कोड का इस्तेमाल किया गया है, वह सभी के लिए स्वतंत्र रूप से उपलब्ध है।
- ONDC को वर्ष 2021 में निजी क्षेत्र की एक गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में निगमित किया गया था। इसे लगभग एकीकृत भुगतान इंटरफेस (UPI) की तर्ज पर तैयार किया गया है।
ONDC पर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को जोड़ने का कार्य भारतीय गुणवत्ता परिषद (OCI) को सौंपा गया है।
ONDC का महत्व
ONDC एकल नेटवर्क निर्मित करने के लिए व्यापारियों एवं उपभोक्ताओं को सशक्त बनाता है। इसके पीछे निम्नलिखित मंशा है:
- नवाचार और विस्तार को बढ़ावा देना,
- खुदरा वस्तुओं, खाद्य पदार्थों आदि से लेकर आवागमन तक के सभी प्रकार के व्यवसायों में बदलाव लाना।
- इसमें सभी ई-कॉमर्स कंपनियां समान प्रक्रियाओं का उपयोग करके परिचालन करेंगी। इसलिए, यह छोटे ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं के साथ-साथ इस क्षेत्र में कदम रखने वाले नए विक्रेताओं को भी बढ़ावा देगा। यह खोज क्षमता, अंतर-संचलनीयता और समावेशिता के माध्यम से संभव होगा।
स्रोत –द हिन्दू