न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL)द्वारा GSAT-24 प्रक्षेपित
हाल ही में ‘न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड’ (NSIL) ने GSAT-24 प्रक्षेपित किया है ।
GSAT-24 का प्रक्षेपण अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के बाद संगठन के “मांग-संचालित” संचार उपग्रह मिशन का पहला प्रक्षेपण है।
वर्ष 2020 में अंतरिक्ष सुधारों की घोषणा की गई थी। इन सुधारों के तहत, NSIL को ‘मांग संचालित’ मॉडल पर परिचालन उपग्रह मिशन शुरू करने का कार्य सौंपा गया था।
‘मांग-संचालित’ मॉडल का मूल रूप से आशय है कि, जब उपग्रह प्रक्षेपित किया जाता है, तो एक फर्म को पता होता है कि इसके अंतिम ग्राहक कौन हैं । साथ ही इसे किस तरह उपयोग किया जाएगा, और प्रतिबद्धता किस प्रकार की है।
इससे पहले, अधिक ‘आपूर्ति संचालित’ मॉडल का उपयोग किया जाता था। इसमें प्रक्षेपण के बाद उपग्रह क्षमता को लीज़ पर दिया जाता था। आमतौर पर ग्राहकों द्वारा पहले से कोई पूर्ण प्रतिबद्धता नहीं की जाती थी।
NSIL के लिए GSAT-24 उपग्रह का निर्माण भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने किया है।
इस उपग्रह को फ्रेंच गुयाना (दक्षिण अमेरिका) के कौरो से प्रक्षेपित किया गया है। उपग्रह को फ्रांसीसी कंपनी एरियन स्पेस द्वारा संचालित ‘एरियन-5’ रॉकेट से भूस्थिर (geostationary) कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया है।
GSAT-24 की संपूर्ण उपग्रह क्षमता, इसके प्रतिबद्ध ग्राहक – टाटा प्ले को लीज पर दी जाएगी। टाटा प्ले, टाटा समूह का डायरेक्ट टू होम (DTH) व्यवसाय है ।
संपूर्ण मिशन पूरी तरह से NSIL द्वारा वित्त पोषित है। इसमें उपग्रह, प्रक्षेपण, प्रक्षेपण अभियान, बीमा, परिवहन, कक्षा में रखरखाव और सहायता शामिल हैं। एक बार उपग्रह के कक्षा में स्थापित हो जाने के बाद, इसका पूर्ण स्वामित्व और संचालन NSIL के पास होगा।
न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के बारे में-
- NSIL को वर्ष 2019 में स्थापित किया गया था। यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की एक वाणिज्यिक शाखा है। यह अंतरिक्ष विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में है।
- यह कंपनी अधिनियम 2013 के तहत पंजीकृत है।
- इसकी प्राथमिक जिम्मेदारी भारतीय उद्योगों को अंतरिक्ष से संबंधित उच्च प्रौद्योगिकी गतिविधियों को पूरा करने के लिए सक्षम बनाना है।
- यह भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के उत्पादों और सेवाओं के संवर्धन एवं वाणिज्यिक दोहन के लिए भी उत्तरदायी है।
स्रोत –द हिन्दू