परमाणु अप्रसार संधि (NPT) समीक्षा सम्मेलन आयोजित
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र संघ ने परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अपना दसवां ‘परमाणु अप्रसार संधि (NPT) समीक्षा सम्मेलन’ आयोजित किया है।
इस संधि सम्मेलन में रूस ने परमाणु अंतिम समझौते को अवरुद्ध किया है ।
इस सम्मेलन में समझौते के अंतिम दस्तावेज को NPT के पक्षकार सभी देशों के अनुमोदन की आवश्यकता थी। हालांकि, रूस ने संकेत दिया कि इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई है।
NPT समीक्षा सम्मेलन प्रत्येक पांच वर्ष में आयोजित होना निर्धारित है। लेकिन, कोविड-19 महामारी के कारण इसके आयोजन में देरी हुई है।
वर्ष 2015 का समीक्षा सम्मेलन बिना किसी समझौते के समाप्त हो गया था। सम्मेलन में सामहिक विनाश के हथियारों से मुक्त मध्य पूर्व क्षेत्र’ (Middle East zone) की स्थापना पर गंभीर मतभेद की वजह से समझौता नहीं हो पाया था।
परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के बारे में
NPT एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है। इसके निम्नलिखित उद्देश्य हैं:
- परमाणु हथियार और हथियार प्रौद्योगिकी के प्रसार को रोकना,
- परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देना, और निरस्त्रीकरण के लक्ष्य का प्रसार करना।
- इसे वर्ष 1968 में हस्ताक्षर के लिए खोला गया था और वर्ष 1970 में यह संधि लागू हुई। वर्ष 1995 में इसे अनिश्चित काल के लिए बढ़ा दिया गया था।
- भारत इस संधि का पक्षकार नहीं है। भारत NPT को भेदभावपूर्ण मानता है।
- यह संधि अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के तहत एक सुरक्षा उपाय प्रणाली स्थापित करती है। IAEA भी इस संधि के तहत शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के क्षेत्रों में केंद्रीय भूमिका निभाता है।
स्रोत –द हिन्दू