NPAs से बचने हेतु ‘परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों’ (ARCs) का उपयोग
वित्त संबंधी स्थायी संसदीय समिति (PSC) के अनुसार बैंक गैर-निष्पादित आस्तियों (NPAs) से बचने हेतु परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (Asset Reconstruction Company-ARCs) का उपयोग कर रहे हैं।
- स्थायी संसदीय समिति (PSC) ने पर्यवेक्षण में पाया कि अशोध्य ऋण के वास्तविक विस्तार को प्रकट न होने देने के लिए बैंक, अपनी गैर-निष्पादित आस्तियों (Non-performing assets: NPA) से बचने हेतु ARCS का आश्रय ले रहे हैं। PSC ने यह भी निर्देशित किया कि ऐसी प्रवृत्ति को प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए।
- PSC ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में घोषित ARCs और परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी कीस्थापना को गति प्रदान करने के लिए सरकार से आग्रह भी किया है।
- इसके द्वारा लोक ऋण रजिस्ट्री (Public Credit Registry: PCR) की स्थापना में भी तीव्रता लानेका सुझाव दिया गया है।
- PCR उधारकर्ताओं की ऋण संबंधी जानकारियों का एक व्यापक डेटाबेस है। यह डेटाबेस ऋण और क्रेडिट संबंधी निर्णय लेने वाली सभी संस्थाओं के लिए सुलभ है।
- ARC एक विशेष प्रकार का वित्तीय संस्थान है। यह बैंक की देनदारियों को परस्पर सहमत मूल्य पर क्रय करता है और स्वयं ऋण या संबंधित प्रतिभूतियों की वसूली का प्रयास करता है।
- नरसिम्हम समिति- (वर्ष 1991) द्वारा एक केंद्रीय परिसंपत्ति पुनर्निर्माण कोष की स्थापना की परिकल्पना की गई थी।
- इसके उपरांत, नरसिम्हम समिति-II (1998) द्वारा ARCS का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया था। MARCs, वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित का प्रवर्तन अधिनियम (Securitisation and Reconstruction of Financial Assets and Enforcement of Security Interest Act: SARFAESI), 2002 के तहत भारतीय रिज़र्व बैंक में पंजीकृत इकाईयां हैं। भारतीय रिज़र्व बैंक ARCs को गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) की भांति नियंत्रित करता है।
ARCs के लाभ
- एकल अनन्य इकाई के तहत बैंकों के अशोध्य ऋणों को समेकित और उनका निराकरण करने में सहायता प्रदान करती है
- इससे नियमित बैंकिंग संबंध प्रभावित नहीं होते हैं, क्योंकि बैंकों के तुलन पत्र संतुलित रहते हैं।
- ये उद्यमियों के आत्मविश्वास को बढ़ाने में मदद करती हैं।
स्रोत – द हिन्दू