नीति आयोग द्वारा भारत की गिग और प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था पर रिपोर्ट जारी
हाल ही में नीति आयोग ने भारत की गिग और प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था पर रिपोर्ट जारी की गई है ।
यह रिपोर्ट अपनी तरह का पहला अध्ययन है। इसमें भारत में गिग-प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था पर व्यापक दृष्टिकोण और सिफारिशें प्रस्तुत की गयी हैं।
गिग कर्मीः ये ऐसे कर्मी हैं, जो पारंपरिक नियोक्ता कर्मचारी व्यवस्था के बाहर आजीविका में संलग्न होते हैं। इन्हें मोटे तौर पर प्लेटफॉर्म और गैर-प्लेटफॉर्म आधारित कर्मियों में वर्गीकृत किया जा सकता है।
प्लेटफॉर्म कर्मी वे हैं, जिनका कार्य ऑनलाइन सॉफ्टवेयर ऐप (जैसे स्विगी) या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित होता है। वहीं गैर-प्लेटफॉर्म गिग कर्मी अनौपचारिक वेतन कर्मी और आत्मनिर्भर (self-account) कर्मी होते हैं, जो पार्ट-टाइम या फुल टाइम कार्य करते हैं।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:
- वर्ष 2020-21 में, 77 लाख कर्मचारी गिग अर्थव्यवस्था में लगे हुए थे। यह भारत में कुल कार्यबल का 5% है। वर्ष 2029-30 तक इनकी संख्या बढ़कर 2.35 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है।
- वर्तमान में, गिग अर्थव्यवस्था से संबंधित लगभग 47% कार्य मध्यम-कौशल युक्त नौकरियों में है। लगभग 22% उच्च कौशल और लगभग 31% निम्न-कौशल युक्त नौकरियों में है।
प्रमुख सुझाव:
- विशेष रूप से प्लेटफॉर्म कर्मियों के लिए डिजाइन किए गए उत्पादों के माध्यम से उनकी वित्त तक पहुंच में तेजी लाना तथा डिजाइन किए गए उत्पादों के माध्यम से उनकी वित्त तक पहुंच में तेजी लाई जानी चाहिए।
- क्षेत्रीय उत्पादों को बेचने के व्यवसाय में लगे स्व-नियोजित व्यक्तियों को व्यवस्था से जोड़ा जाना चाहिए। प्लेटफॉर्म आधारित बदलाव और परिणाम-आधारित कौशल विकास को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
- साथ ही, लैंगिक संवेदनशीलता के माध्यम से सामाजिक समावेशन को भी प्रोत्साहित करना चाहिए। सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 को लागू करने के लिए RAISE फ्रेमवर्क को अपनाया जाना चाहिए। इसमें श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा तंत्र में शामिल करने की बात कही गयी है।
RAISE फ्रेमवर्क:
- Recognise: न्यायसंगत योजनाओं को डिजाइन करने के लिए प्लेटफॉर्म कार्य की विविधतापूर्ण प्रकृति को मान्यता दी जाये।
- Allow: नवोन्मेषी वित्तपोषण तंत्र के | माध्यम से सामाजिक सुरक्षा के विस्तार की अनुमति दी जाये।
- Incorporate: योजनाओं को डिजाइन करते समय, प्लेटफॉर्म के विशिष्ट हितों का ध्यान रखें, जिनमें रोजगार सृजन, प्लेटफॉर्म व्यवसायों और श्रमिकों पर प्रभाव आदि शामिल हैं।
- Support: व्यापक जागरूकता अभियानों के माध्यम से सरकारी योजनाओं और कल्याण कार्यक्रमों की सदस्यता के लिए श्रमिकों की सहायता करें।
- Ensure: सुनिश्चित करें कि लाभ श्रमिकों को आसानी से उपलब्ध हो।
स्रोत –द हिन्दू