क्रिप्टो टैक्स
हाल ही में सरकार ने क्रिप्टो टैक्स प्रावधानों पर अपना पक्ष स्पष्ट किया है । इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि, वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) के हस्तांतरण से होने वाले नुकसान को दूसरे VDA से होने वाली आय या लाभ के साथ सेट-ऑफ (समायोजित) करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- दूसरे शब्दों में, VDA से होने वाले किसी भी घाटे को लाभ के साथ सेट-ऑफ नहीं किया जा सकेगा। वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAS) का आशय क्रिप्टोग्राफिक माध्यमों या किसी अन्य माध्यम से जनरेटेड इंटर कोड या नंबर या टोकन या इनफॉरमेशन से है। ऐसे एसेट्स का इलेक्ट्रॉनिक रूप से हस्तांतरण, भंडारण या व्यापार किया जा सकता है।
- इसके अलावा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स में नॉन फंजीबल टोकन्स यानी NFTS या इसी तरह के अन्य टोकन भी शामिल होते हैं।
- वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा कि VDAS के मामले में माइनिंग की लागत को अधिग्रहण (acquisition) की लागत के रूप में नहीं माना जाएगा।
- माइनिंग वस्तुतः क्रिप्टो टोकन जेनरेट करने की एक प्रक्रिया है।
- सरकार क्रिप्टोकरेंसी को GST कानून के तहत वस्तुओं या सेवाओं के रूप में वर्गीकृत करने पर कार्य कर रही है। इससे लेन-देन के पूरे मूल्य पर कर लगाया जा सकेगा।
- वर्तमान में, केवल क्रिप्टो एक्सचेंज द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर 18 प्रतिशत GST लगाया जाता है। इन सेवाओं को वित्तीय सेवाओं के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- ज्ञातव्य है कि 2022-23 के बजट में क्रिप्टोकरेंसी को टैक्स नेट (यानी कर जाल) के दायरे में लाये जाने की घोषणा की गयी थी।
इस बजट में निम्नलिखित घोषणाएं की गई थीं:
- वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (क्रिप्टोकरेंसी सहित) से होने वाली किसी भी आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया जाएगा।
- वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के ट्रान्सफर के दौरान एक सीमा से अधिक के लेन-देन पर 1 प्रतिशत TDS लगेगा।
इन्हें जेनरेट करने के लिए एन्क्रिप्शन तकनीक का उपयोग किया जाता है। इस तकनीक का प्रयोग क्रिप्टोकरेंसी यूनिट्स के जेनेरेशन और फण्ड ट्रांसफर को विनियमित करने के लिए किया जाता है।
क्रिप्टोकरेंसी पर किसी सेंट्रल बैंक का कोई नियंत्रण नहीं होता है।
प्रत्येक क्रिप्टोकरेंसी का नियंत्रण ब्लॉकचेन नामक डिस्ट्रिब्यूटेड बहीखाता तकनीक के माध्यम से किया जाता है। ब्लॉकचेन एक साझा व अपरिवर्तनीय बहीखाता है। यह एक व्यवसाय नेटवर्क में सभी लेन-देन को रिकॉर्ड करने और संपत्तियों को ट्रैक करने की सुविधा प्रदान करता है।
स्रोत –द हिन्दू