“नव भारत साक्षरता कार्यक्रम” को स्वीकृति
हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने प्रौढ़ शिक्षा की एक नई योजना “नव भारत साक्षरता कार्यक्रम”( New India Literacy Program) को स्वीकृति प्रदान की है ।
नव भारत साक्षरता कार्यक्रम का लक्ष्य प्रौढ़ (वयस्क) शिक्षा के सभी पहलुओं को शामिल करना है। इस योजना का उद्देश्य आधारभूत साक्षरता और संख्या कौशल (FLN) प्रदान करना है। साथ ही, 21वी सदी के नागरिक के लिए आवश्यक अन्य घटकों को भी सम्मिलित करना है।
ये घटक निम्नलिखित हैं:
- महत्वपूर्ण जीवन कौशल,व्यावसायिक कौशल विकास, बुनियादी शिक्षा औरम सतत शिक्षा।
- यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुरूप है। अब से “प्रौढ़ शिक्षा की बजाय सभी के लिए शिक्षा” शब्दावली का उपयोग किया जाएगा।
- यह योजना वित्तीय वर्ष 2022-27 की अवधि के लिए शुरू की गई है।
- आधारभूत साक्षरता और संख्या कौशल (FLN) का लक्ष्य “ऑनलाइन अध्यापन, शिक्षण और मूल्यांकन प्रणाली (OTLAS) का उपयोग करके प्रतिवर्ष 00 करोड़ की दर से 5 करोड़ शिक्षार्थियों तक पहुंचना है।
योजना की प्रमुख विशेषताएं:
15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के सभी गैर-साक्षर लोगों को मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मकता संबंधी शिक्षा प्रदान की जाएगी। योजना के तहत लड़कियों और महिलाओं, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग / अल्पसंख्यकों / दिव्यांगजनों / वंचित/घुमंतू/निर्माण श्रमिकों/मजदूरों/आदि श्रेणियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
- फोकस क्षेत्रः आकांक्षी जिले (Aspirational districts), राष्ट्रीय/राज्य औसत से कम साक्षरता दर वाले जिले और 60% से कम महिला साक्षरता दर वाले जिले।
- परिव्ययः कुल परिव्यय 90 करोड़ रुपये है। इसमें 700 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा और 337.90 करोड़ रुपये का राज्य हिस्सा शामिल है।
योजना की आवश्यकता क्यों है: वर्ष 2009-10 से वर्ष 2017-18 के दौरान साक्षर भारत कार्यक्रम लागू किया गया था। इसके बावजूद एक अनुमान के अनमार 1812 करोड़ वयस्क व्यक्ति अभी भी गैर-साक्षर हैं।
स्रोत –द हिन्दू