भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-In) के नए निर्देश जारी
हाल ही में, भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-In) ने नए निर्देश जारी किए हैं।
इसके तहत भारत में वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) प्रदाताओं को पांच वर्षों के लिए उपयोगकर्ताओं के डेटा स्टोर करना अनिवार्य किया गया है।
- CERT-In, ‘इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय’ के तहत एक संस्था है। यह कंप्यूटर सुरक्षा में सेंध लगने पर जवाबी कार्रवाई करने वाली राष्ट्रीय नोडल एजेंसी है।
- CERT-In का अधिदेश वर्चुअल प्राइवेट सर्वर (VPS) प्रदाताओं, VPN सेवा प्रदाताओं, क्लाउड सेवा प्रदाताओं तथा डेटा केंद्रों पर लागू होता है। इसका उद्देश्य ग्राहक पंजीकरण विवरणों पर सटीक जानकारी बनाए रखना है।
- VPN इंटरनेट पर एक डिवाइस से नेटवर्क पर एक एन्क्रिप्टेड कनेक्शन होता है। यह उपयोगकर्ताओं को उनकी ब्राउज़िंग हिस्ट्री, इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP) एड्रेस, भौगोलिक अवस्थिति, उनकी वेब गतिविधियों तथा उपयोग किए जा रहे उपकरणों को छिपाने में मदद करता है।
- IP एड्रेस एक विशेष वेब एड्रेस है, जो इंटरनेट या लोकल नेटवर्क पर किसी डिवाइस की पहचान करता है।
CERT-In के नए कदम का प्रभाव
- कंपनियों को स्टोरेज सर्वर उपयोग करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इससे कंपनियों की लागत में बढ़ोतरी होगी।
- अंतिम उपयोगकर्ताओं (एंड यूजस) की गोपनीयता कम हो सकती है। इससे उनकी ब्राउज़िंग और डाउनलोड हिस्ट्री की निगरानी की जा सकती है ।
स्रोत –द हिन्दू