पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर ‘केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति‘ (सीईसी) का गठन
हाल ही में ‘पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF & CC)’ ने पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) का गठन किया है।
MoEFCC ने पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के तहत प्राप्त शक्ति का प्रयोग करके इस स्थायी सांविधिक (सीईसी) का गठन किया है।
यह नई समिति 2002 में गठित एक पुरानी तदर्थ ‘सीईसी’ का स्थान लेगी । अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से सीईसी को पुरानी तदर्थ ‘सीईसी’ की जगह स्थाई बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए कहा है।
विदित हो कि सीईसी पिछले दो दशकों से खनन और वनों के भीतर परियोजनाओं को दी जाने वाली अनुमति से जुड़े मामलों में न्यायालय की मदद कर रही है। इस तदर्थ ‘सीईसी’ का गठन टीएन गोदावर्मन बनाम भारत संघ (1996) वाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए किया गया था।
‘सीईसी’ के संबंध में प्रमुख तथ्य:
- संरचना: इसमें एक अध्यक्ष और तीन विशेषज्ञ सदस्यों को तीन वर्ष की अवधि के लिए चुना गया है । इनके कार्यकाल को 60 वर्ष की आयु होने तक एक बार बढ़ाया जा सकता है ।
- एक सेवारत अधिकारी मुख्य समन्वय अधिकारी (CCO) के रूप में कार्य करेगा। यह अधिकारी भारत सरकार में वन उप महानिरीक्षक / निदेशक से नीचे की रैंक का नहीं होगा ।
- ‘अध्यक्ष और CCO को पर्यावरण, वन एवं वन्य जीवों के संबंध में अनुभव होना चाहिए । साथ ही, इन विषयों से संबंधित एक-एक विशेषज्ञ सदस्य होगा।
स्रोत – डाउन टू अर्थ