उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग दिवस

उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग दिवस

उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (Neglected Tropical Diseases: NTD) दिवस के अवसर पर सभी के लिए समान स्वास्थ्य सेवाओं का आह्वान किया गया है।

वर्ष 2022 के उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोग (NTD) दिवस का विषय “निर्धनता से संबंधित रोगों के प्रति उपेक्षा को समाप्त करने के लिए स्वास्थ्य समानता प्राप्त करना है। इसके अंतर्गत सभी के लिए समान स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने हेतु हस्तक्षेप को मजबूत करने पर बल दिया गया है।

वर्ष 2021 में 74वीं विश्व स्वास्थ्य सभा ने प्रति वर्ष 30 जनवरी को विश्व NTD दिवस के रूप में घोषित किया था। पहला विश्व NTD दिवस वर्ष 2020 में अनौपचारिक रूप से मनाया गया था।

NTD, चिकित्सकीय रूप से 20 विविध एवं संचारी रोगों को संदर्भित करता है। ये रोग अफ्रीका, एशिया और अमेरिका महाद्वीपों के विकासशील क्षेत्रों में हाशिए पर रहने वाले समुदायों में सामान्य रूप से पाए जाते हैं। ये रोग उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में प्रचलित हैं।

NTD विभिन्न प्रकार के रोगजनकों जैसे वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ और परजीवी कृमियों के कारण होते हैं।

NTD के प्रभाव

  • वर्तमान में कम से कम एक अरब से अधिक लोग किसी न किसी एक NTD से पीड़ित हैं।
  • इन रोगों से विश्व में प्रतिवर्ष लगभग दो लाख मौतें होती हैं। इसके अलावा, लगभग 19 मिलियन दिव्यांगता समायोजित जीवन वर्षों (DALYS) की हानि होती है (अर्थात दिव्यांगता के कारण स्वस्थ जीवन के वर्षों का लोप होता है)।
  • इन रोगों के पीड़ितों को दिव्यांगता, कलंक, सामाजिक बहिष्कार और भेदभाव का समाना करना पड़ता है।

NTD को समाप्त करने के लिए किए गए उपायः

  • उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों पर किगाली घोषणा – लिंफेटिक फाइलेरिया के उन्मूलन के लिए त्वरित योजना निशुल्क रोग प्रबंधन और दिव्यांगता रोकथाम सेवाएं प्रदान करती है।
  • सतत विकास लक्ष्य (SDGs) NTD के सफल उन्मूलन के लिए एक प्रभावी ढांचा प्रदान करते हैं।

भारत ने गिनी वर्म, ट्रेकोमा और याज जैसे कुछ संक्रामक रोगों को सफलतापूर्वक समाप्त कर दिया है।

स्रोत – द हिन्दू

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