NEA Scout : नासा का नया अंतरिक्ष यान
हाल ही में नासा के नए अंतरिक्ष यान “नियर-अर्थ एस्टेरॉयडस्काउट या NEA स्काउट” ने सभी आवश्यक परीक्षण पूरे कर लिये गए हैं तथा इसे अंतरिक्ष प्रक्षेपण प्रणाली (Space Launch System) रॉकेट में सुरक्षित रूप से स्थापित कर दिया गया है।
एन.ई.ए. स्काउटआर्टेमिस-I द्वारा भेजे जाने वाले उन पेलोड में से एक है, जिसे नवंबर में लॉन्च किये जाने की संभावना है।
‘आर्टेमिस-I’ ओरियन अंतरिक्ष यान तथा एस.एल.एस.रॉकेट की एक मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी। नासा ने इस कार्यक्रम के तहत वर्ष 2024 में प्रथम महिला को चंद्रमा पर भेजने तथा वर्ष 2030 तक सतत चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम (Sustainable Lunar Exploration Programs) स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
NEA स्काउट
- एन.ई.ए. स्काउट एक छोटा अंतरिक्ष यान है, जिसे क्यूबसैट के नाम से जाना जाता है। ये आकार में एक बड़े शूबॉक्स के समान है।
- इसका मुख्य लक्ष्य पृथ्वी के निकट क्षुद्रग्रह के समीप से उड़ान भरना तथा डेटा एकत्र करना है। यह विशेष सौर सेल प्रणोदन का उपयोग करने वाला अमेरिका का पहला अंतरग्रहीय मिशन भी होगा।
- इस स्काउट में एल्यूमीनियम-लेपित सेल को लगाने के लिये स्टेनलेस स्टील मिश्र धातु की बूम का उपयोग किया जाएगा।
- विस्तृत आकार का यह सेल सौर प्रकाश को परावर्तित करके बल उत्पन्न करेगा। निरंतर प्रेरक बल समय के साथ अंतरिक्ष यान को तीव्र गति प्रदान करेगा, जिससे वह लक्षित क्षुद्रग्रह तक पहुँचने में सक्षम होगा।
- अंतरिक्ष यान को क्षुद्रग्रह तक पहुँचने में लगभग दो वर्ष का समय लगेगा तथा क्षुद्रग्रह के समीप पहुँचने के दौरान यह पृथ्वी से लगभग 93मिलियन मील दूर होगा।
- नासा ने घोषणा की है कि उसका नया अंतरिक्ष यान NEA Scout सभी आवश्यक परीक्षणों से सफलतापूर्वक गुजर चुका है और अब स्पेस लॉन्चसिस्टम (SLS) रॉकेट के अंदर सुरक्षित रूप से रख दिया गया है।
NEA Scout क्षुद्रग्रह का अध्ययन कैसे करेगा?
- यह अंतरिक्ष यान उच्च श्रेणी के वैज्ञानिक विशेष कैमरों से लैस है जो 10 सेमी/पिक्सेल से लेकर 50 सेमी/पिक्सेल तक की तस्वीरें ले सकता है।
- छवियों को लेने के बाद यह उन्हें संसाधित भी कर सकता है और पृथ्वी-आधारित डीप स्पेस नेटवर्क पर भेजने के लिए अपने एंटीना का उपयोग करने से पहले उनके फ़ाइल आकार को कम कर सकता है ।
आर्टेमिस कार्यक्रम (Artemis Programme)
आर्टेमिसI (Artemis I) SLS रॉकेट और ओरियन अंतरिक्ष यान की चालक दल-रहित परीक्षण उड़ान है। नासा के आर्टेमिस कार्यक्रम के तहत, अंतरिक्ष एजेंसी ने वर्ष 2024 में चंद्रमा पर पहली महिला को उतारने और वर्ष 2030 तक स्थायी चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम स्थापित करने का लक्ष्य रखा है।
नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEOs):
- ‘नियर अर्थ ऑब्जेक्ट’ ऐसे पिंड या क्षुद्रग्रह अथवा धूमकेतु होते हैं जो पृथ्वी पर खतरा उत्पन्न करते हुए उसकी कक्षा के निकट से गुज़रते हैं। ये क्षुद्रग्रह अधिकतर बर्फ और धूल कण से मिलकर बने होते हैं।
- नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स कभी-कभी पृथ्वी के करीब पहुँचते हैं क्योंकि वे सूर्य की परिक्रमा करते हैं।
- नासा का सेंटर फॉरनियर-अर्थ ऑब्जेक्टस्टडी (CNEOS) क्षुद्रग्रह वॉचविजेट की सहायता से उस स्थिति में इन ऑब्जेक्ट्स का समय और दूरी निर्धारित करता है, जब ये पृथ्वी के नज़दीक होते हैं।
स्रोत – द हिन्दू