राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन
- वर्ष 2020 में, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने 1,480 करोड़ रुपए की कुल लागत वाले राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन की स्थापना को मंज़ूरी दी थी ।
- यह मिशन 2020-2021 से आरंभ होकर 4 वर्षों की अवधि (2020-21 से 2023-24 तक) के लिए लागू किया जाएगा।
- इस मिशन की स्थापना का प्रस्ताव सर्वप्रथम वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण के दौरान रखा था।
- तकनीकी वस्त्रों के क्षेत्र में देश को अग्रणी बनाना एवं घरेलू बाजार में तकनीकी वस्त्रों के उपयोग में वृद्धि करना इस मिशन का प्रमुख उद्देश्य है ।
इस मिशन के 4 घटक होंगे:
- प्रथम घटक ‘अनुसंधान, नवाचार और विकास’पर केंद्रित होगा और इस घटक में 1,000 करोड़ रुपए का परिव्यय होगा। इसके अंतर्गत फाइबर तथा भू-टेक्सटाइल, कृषि-टेक्सटाइल, चिकित्सा-टेक्सटाइल, मोबाइल-टेक्सटाइल और खेल-टेक्सटाइल के विकास पर आधारित अनुप्रयोग और अनुसंधान किया जाएगा एवं जैव-निम्नीकरणीय तकनीकी वस्त्रों का विकास किया जाएगा।
- दूसरे घटक में तकनीकी वस्त्रों केसंवर्द्धन और विपणन विकास पर केन्द्रित होगा। इस घटक के अंतर्गत मिशन का लक्ष्य वर्ष 2024 तक घरेलू बाजार का आकार $ 40 बिलियन से बढाकर $ 50 बिलियन तक करने का प्रस्ताव किया गया है।
- तीसरे घटक मे निर्यात संवर्धन पर ध्यान केंद्रित होगा । देश में तकनीकी कपड़ा निर्यात को 14,000 करोड़ रुपए से बढाकर वर्ष 2021-2022 तक 20,000 करोड़ रुपए तक किया जाएगा तथा मिशन के समाप्त होने तक प्रत्येक वर्ष 10% औसत वृद्धि सुनिश्चित की जाएगी।
- चौथे घटक में ‘शिक्षा, प्रशिक्षण और कौशल विकासपर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
‘तकनीकी वस्त्र’क्या हैं ?
- तकनीकी वस्त्रों को, सौंदर्यपरक विशेषताओं की अपेक्षा तकनीकी कार्य निष्पादन और कार्यात्मक आवश्यकताओं लिए निर्मित वस्त्र सामग्री एवं उत्पादों के रूप में परिभाषित किया जाता है। अर्थात तकनीकी वस्त्रों का निर्माण सौंदर्य विशेषताओं के स्थान पर मुख्य रूप से तकनीकी एवं उससे संबंधित आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु किया जाता है।
- मुख्यतः तकनीकी वस्त्रों का उपयोग कृषि, वैज्ञानिक शोध, चिकित्सा, सैन्य क्षेत्र, उद्योग तथा खेलकूद के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर होता है।
- तकनीकी वस्त्र उत्पादों को उनके अनुप्रयोग क्षेत्रों के आधार पर 12 श्रेणियों में विभाजित किया गया है: एग्रोटेक, बिल्डटेक, क्लॉथटेक, जियोटेक, होमटेक, इंड्यूटेक, मोबिलटेक, मेडिटेक, प्रोटेक, स्पोर्ट्सटेक, ओइकोटेक, पैकटेक।
स्रोत – पीआईबी