महरौली में स्थित 1,000 वर्ष पुरानी झील को राष्ट्रीय स्मारक घोषित
हाल ही में दिल्ली के महरौली में स्थित 1,000 वर्ष पुरानी झील को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का निर्देश दिया गया है ।
ऐसा माना जा रहा है कि दिल्ली के दक्षिण जिले में स्थित अनंग ताल झील को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जा सकता है। इस झील का निर्माण तोमर राजा अनंगपाल द्वितीय ने करवाया था।
अनंग ताल कुतुब परिसर के उत्तर-पश्चिम में जोग माया मंदिर के उत्तर में स्थित है। इसका निर्माण 1,060 ई. में किया गया था।
ऐतिहासिक दस्तावेजों के अनुसार अलाउद्दीन खिलजी ने इस झील के जल का उपयोग अलाई मीनार के निर्माण और कुतुब-उल-इस्लाम मस्जिद के विस्तार के लिए किया था।
अनंगपाल द्वितीय के बारे में:
- वह अनंगपाल तोमर के नाम से प्रसिद्ध था। वह तोमर वंश का था।
- उसने 8वीं और 12वीं शताब्दी के बीच वर्तमान दिल्ली एवं हरियाणा के कुछ हिस्सों पर शासन किया था।
- इन्द्रप्रस्थ को आबाद करने और इसे इसका वर्तमान नाम दिल्ली देने में उसका महत्वपूर्ण योगदान था।
- उसने दिलिकापुरी (दिल्ली) को तोमर वंश की राजधानी बनाया था।
- अनंगपाल प्रथम (तोमर वंश के संस्थापक) के शासनकाल के दौरान तोमर वंश की राजधानी अनंगपुर (फरीदाबाद के पास) थी।
- लाल कोट और अनंग ताल का निर्माण अनंगपाल द्वितीय ने करवाया था।
- पृथ्वीराज चौहान उसका उत्तराधिकारी था। अनंग पाल को पृथ्वीराज चव्हाण के नाना के रूप में जाना जाता है। पृथ्वीराज चौहान तराइन के युद्ध में मुहम्मद गोरी की सेना से पराजित हो गया था।
राष्ट्रीय स्मारक के बारे में
राष्ट्रीय स्मारक ऐसे प्राचीन स्मारक और सभी पुरातात्विक स्थल एवं पुरावशेष हैं, जिन्हें निम्नलिखित द्वारा राष्ट्रीय महत्व का घोषित किया गया है-
- प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल एवं अवशेष (राष्ट्रीय महत्व की घोषणा) अधिनियम, 1951 की धारा 3 और 4 के तहत;
- राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 126 के तहत; या
- केंद्र सरकार द्वारा आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना के माध्यम से।
स्रोत –द हिन्दू