राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP) का शुभारंभ
हाल ही में प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP) का शुभारंभ किया है ।
NLP के निम्नलिखित लक्ष्य –
- देश भर में वस्तुओं और सेवाओं की बाधारहित आवाजाही सुनिश्चित करना।
- वर्ष 2030 तक लॉजिस्टिक्स लागत को 14% की मौजूदा दर से कम कर इकाई अंक (single digit) में लाना।
- उल्लेखनीय है कि लॉजिस्टिक्स की अधिक लागत अक्सर बाह्य और आंतरिक, दोनों प्रकार के व्यापार में सबसे बड़ी संरचनात्मक बाधा मानी जाती है।
- वर्ष 2030 तक विश्व बैंक के वैश्विक लॉजिस्टिक्स प्रदर्शन सूचकांक में शीर्ष 25 देशों में शामिल होना। इस सूचकांक के पिछले संस्करण में भारत 44वें स्थान पर था।
NLP की चार प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- डिजिटल प्रणाली का एकीकरण : सड़क परिवहन, रेलवे,सीमा शुल्क, विमानन आदि सहित विभिन्न विभागों की अलग-अलग प्रणालियों को एकीकृत किया जाएगा।
- यनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफॉर्म (ULIP) की स्थापना : परिवहन क्षेत्र से संबंधित सभी डिजिटल सेवाओं को एक ही पोर्टल से जोड़ा जाएगा।
- ईज ऑफ लॉजिस्टिक्स सर्विसेज–ई लॉग्स (E-Logs): लॉजिस्टिक्स पंजीकरण, समन्वय और निगरानी के लिए एक डिजिटल डैशबोर्ड बनाया जाएगा। इससे लॉजिस्टिक्स से जुड़े मुद्दों का समयबद्ध समाधान हो सकेगा।
- सिस्टम इंप्रूवमेंट ग्रुप (SIG) का गठनः यह समूह कार्गो की आवाजाही में सुधार के लिए मौजूदा कानूनों और प्रक्रियाओं में बदलाव हेतु सलाह देगा।
NLP की निगरानी और समन्वय केंद्र व राज्य, दोनों स्तरों पर किया जाएगा।
NLP के निम्नलिखित लाभ हैं:
- लॉजिस्टिक्स अवसंरचना के विकास में तेजी आएगी,
- अलग-अलग हितधारकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने में मदद मिलेगी,
- भारतीय वस्तुओं की प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार होगा,
- लास्ट माइल कनेक्टिविटी स्थापित हो सकेगी आदि ।
स्रोत – द हिन्दू