राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (NIIF)
- हाल ही में राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (NIIF) की गवर्निंग काउंसिल (GC) की 5वीं बैठक सम्पन्न हुई।
- GC की अध्यक्षता वित्त मंत्री करते हैं। इसमें कॉर्पोरेट्स, निवेश और नीति क्षेत्रकों के सदस्य शामिल होते हैं।
- भारत सरकार द्वारा समर्थित, NIIF अंतर्राष्ट्रीय और भारतीय निवेशकों के लिए एक सहयोगी निवेश मंच है।
- जिसे वित्तीय वर्ष 2019-20 से लेकर वित्तीय वर्ष 2024-25 तक प्रत्येक वर्ष के लिये एक राष्ट्रीय अवसंरचना कार्यक्रम (National Infrastructure Pipeline) बनाने हेतु गठन किया गया है।
- इन निधियों की स्थापना घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय संस्थागत निवेशकों से पूंजी जुटाकर भारत में निवेश करने के लिए की गई है।
- NIIF का पहला द्विपक्षीय कोषः हाल ही में, एक भारत-जापान कोष को प्रस्तावित किया गया है।
राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (NIIF)
- राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (NIIF) देश में अवसंरचना क्षेत्र की वित्तीय समस्याओं का समाधान प्रस्तुत करने वाला और वित्तपोषण सुनिश्चित करने वाला भारत सरकार द्वारा निर्मित किया गया एक कोष है।
- NIIF की स्थापना 40,000 करोड़ रुपए की मूल राशि के साथ की गई थी, जिसमें आंशिक वित्त पोषण निजी निवेशकों द्वारा किया गया था।
- इसका उद्देश्य अवसंरचना परियोजनाओं को वित्त पोषण प्रदान करना है जिनमें अटकी हुई परियोजनाएँ शामिल हैं।
- NIIF में 49% हिस्सेदारी भारत सरकार की है तथा शेष हिस्सेदारी विदेशी और घरेलू निवेशकों की है।
- केंद्र की अति महत्त्वपूर्ण हिस्सेदारी के साथ NIIF को भारत का अर्ध-संप्रभु धन कोष माना जाता है।
- अपने तीन फंडों- मास्टर फंड, फंड ऑफ फंड्स और स्ट्रैटेजिक फंड से परे यह 3 बिलियन डॉलर से अधिक की पूंजी का प्रबंधन करता है।
- इसका पंजीकृत कार्यालय नई दिल्ली में है।
स्रोत – द हिन्दू