संयुक्त राज्य अमेरिका का नेशनल डिफेंस ऑथोराइज़ेशन एक्ट (NDDA) पारित
- हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका के सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव ने 858 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नेशनल डिफेंस ऑथोराइज़ेशन एक्ट (NDDA) पारित किया है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका का यह ‘नेशनल डिफेंस ऑथोराइज़ेशन एक्ट’ भारत के साथ मजबूत रक्षा संबंधों का प्रावधान करता है। साथ ही, चीन द्वारा प्रस्तुत चुनौतियों से निपटने के लिए अरबों डॉलर के फंड की व्यवस्था करता है
- NDDA संयुक्त राज्य अमेरिका की सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा प्राथमिकताओं पर केंद्रित है। इनमें चीन और रूस के साथ सामरिक प्रतिस्पर्धा, विघटनकारी प्रौद्योगिकियां (Disruptive Technologies) आदि शामिल हैं।
- यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी संलग्नता को मजबूत करने पर बल देता है। साथ ही यह नई प्रौद्योगिकियों, तत्परता और लॉजिस्टिक क्षेत्र में भारत के साथ सहयोग का विस्तार करने पर भी बल देता है ।
- यह मानव रहित विमानों, रक्षात्मक साइबर क्षमताओं, ठंड के मौसम का सामना करने से जुड़ी क्षमताओं आदि को कवर करता है ।
भारत – संयुक्त राज्य अमेरिका रक्षा सहयोग
- वर्ष 2016 में, अमेरिका ने भारत को ‘प्रमुख रक्षा भागीदार का विशेष दर्जा दिया था। इसके बाद वर्ष 2018 में भारत को विशेष रूप से ‘सामरिक व्यापार प्राधिकरण टियर 1’ का दर्जा दिया गया था।
- यह दर्जा असैन्य अंतरिक्ष और रक्षा क्षेत्रों में उच्च-प्रौद्योगिकी उत्पादों की बिक्री के लिए दिया गया था ।
भारत और अमेरिका ने निम्नलिखित रक्षा समझौते किए हैं:
- सैन्य सूचना के आदान-प्रदान पर वर्ष 2002 में जनरल सिक्योरिटी ऑफ़ मिलिट्री इन्फॉर्मेशन एग्रीमेंट (GSOMIA) किया गया था।
- वर्ष 2016 में एक दूसरे के सैन्य अड्डों का उपयोग करने के लिए लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA) संपन्न हुआ था।
- दोनों सेनाओं के मध्य अंतरसक्रियता और भारत को उच्च स्तरीय प्रौद्योगिकी के विक्रय के लिए वर्ष 2018 में कम्युनिकेशंस कंपैटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट (COMCASA) किया गया था ।
- उच्च स्तरीय सैन्य प्रौद्योगिकी, रसद और भू-स्थानिक मानचित्रों को साझा करने के लिए वर्ष 2020 में बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट (BECA) किया गया था।
स्रोत – द प्रिंट