राष्ट्रीय संबद्ध और स्वास्थ्य सेवा व्यवसाय आयोग विधेयक, 2020
- हाल ही में लोकसभा राष्ट्रीय संबद्ध और स्वास्थ्य सेवा व्यवसाय आयोग विधेयक, 2020को पारित किया गया।
प्रमुख बिंदु:
- इस विधेयक का प्रयोजन‘संबद्ध और स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों’ की शिक्षा एवं कार्यों को विनियमित और मानकीकृत करना है।
- संबद्ध स्वास्थ्य पेशेवर:इनमे सहयोगी, तकनीशियन या प्रौद्योगिकीविद् शामिल होते है, जो तकनीकी और व्यावहारिक कार्य में सहयोग करने हेतु प्रशिक्षित होते है।इन स्वास्थ्य पेशेवरो को इस बिल के तहत डिप्लोमा या डिग्री प्राप्त होनी चाहिए, (कम से कम 2,000 घंटे, जो 2-4 साल की अवधि में हो)।
- एक हेल्थकेयरपेशेवर:इनमे वैज्ञानिक, चिकित्सक या अन्य पेशेवर शामिल होते हैं जो निवारक, उपचारात्मक, पुनर्वास, चिकित्सीय या प्रचारक स्वास्थ्य सेवाओं का अध्ययन, सलाह, अनुसंधान, पर्यवेक्षण करते हैंइन पेशेवर को इस अधिनियम के तहत एक डिग्री प्राप्त करनी चाहिए, जिसकी अवधि 3-6 वर्षों की अवधि में कम से कम 3,600 घंटे तक होनी चाहिए।
- विधेयक की अनुसूची जीवन विज्ञान संबंधी पेशेवर, ट्रॉमा और बर्निंगकेयर संबंधी पेशेवर, सर्जिकल और एनेस्थीसिया प्रौद्योगिकी संबंधित पेशेवर, फिज़ियोथेरेपिस्ट और पोषण विज्ञान संबंधी पेशेवर शामिल हैं।केंद्रीय सरकार ‘संबद्ध और स्वास्थ्य पेशेवरों हेतु राष्ट्रीय आयोग’ से परामर्श करने के बाद इस अनुसूची में संशोधन कर सकती है।
राष्ट्रीय संबद्ध और स्वास्थ्य सेवा व्यवसाय आयोग:
- अध्यक्ष,
- उपाध्यक्ष,
- केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों / मंत्रालयों का प्रतिनिधित्व करने वाले पांच सदस्य,
- स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के एक प्रतिनिधि,
- तीन उप निदेशक या चिकित्सा अधीक्षक,
- राज्य परिषदों का प्रतिनिधित्व करने वाले 12 अंशकालिक सदस्य
भूमिका:
- सभी पंजीकृत पेशेवरों का एक ऑनलाइन केंद्रीय रजिस्टर बनाना और उसका अनुरक्षण.
- शिक्षा और व्यवहार को विनियमित करने के लिए नीतियां और मानक बनाना.
- विधेयक के पारित होने के छह महीने के भीतर, राज्य सरकारें, राज्य संबद्ध और स्वास्थ्य परिषद का गठन करेंगी। जो राष्ट्रीय आयोग के कामकाज का पूरक होगा और राज्य रजिस्टर को बनाए रखेगी
- किसी नए संस्थान की स्थापना, नए पाठ्यक्रम प्रारंभ करने, प्रवेश क्षमता बढ़ाने, या मौजूदा संस्थानों में छात्रों के एक नए बैच को प्रविष्ट के लिए, राज्य परिषद की पूर्व अनुमति की आवश्यकता होगी।
अपराध और जुर्माना:
विधेयक का अध्याय VII अपराधों और दंड से संबंधित है।यह निर्धारित करता है कि किसी भी व्यक्ति को एक योग्य सहयोगी और स्वास्थ्य देखभाल व्यवसायी के रूप में अभ्यास करने की अनुमति नहीं है, जो राज्य रजिस्टर या राष्ट्रीय रजिस्टर में नामांकित नहीं हैं।जो भी व्यक्ति इस प्रावधान का उल्लंघन करेगा, उसे 50,000 रुपये के जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
स्त्रोत: द हिन्दू