नासा की नई संचार प्रणाली ‘एलसीआरडी’ (NASA’s new communications system LCRD)
हाल ही में, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी ‘नासा’ ने अपनी दिसंबर 2021 में लॉन्च नयी संचार प्रणाली ‘लेजर कम्युनिकेशंस रिले डिमॉन्स्ट्रेशन (Laser Communications Relay Demonstration – LCRD) का प्रदर्शन किया है ।
यह नासा की पहली ‘लेजर संचार प्रणाली’ (laser communications system) है।
‘लेजर कम्युनिकेशंस रिले डिमॉन्स्ट्रेशन’, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी को अंतरिक्ष में ऑप्टिकल संचार का परीक्षण करने में मदद करेगी।
एलसीआरडी (LCRD) के बारे में:
- LCRD, भविष्य के ऑप्टिकल संचार मिशनों का मार्ग प्रशस्त करने वाली ‘प्रौद्योगिकी’ का प्रदर्शन है।
- लेजर कम्युनिकेशंस रिले डिमॉन्स्ट्रेशन, उपकरणों को अमेरिकी रक्षा विभाग के ‘अंतरिक्ष परीक्षण कार्यक्रम सैटेलाइट 6’ (Space Test Program Satellite 6: STPSat-6) पर स्थापित किया गया है।
- इसके लिए LCRD को पृथ्वी से 35,000 किमी की ऊंचाई पर ‘भू-समकालिक कक्षा’ में स्थापित किया जाएगा।
ऑप्टिकल संचार प्रणालियों के लाभ:
- ‘ऑप्टिकल संचार प्रणालियाँ’ आकार में छोटी तथा भार में कम होती हैं, और इनके लिए रेडियो उपकरणों की तुलना में कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है। ‘आकार छोटे’ के होने का अर्थ है विज्ञान के उपकरणों के लिए अधिक जगह, एवं कम भार होने से लांच में कम व्यय भी होगा।
- कम उर्जा का अर्थ है, अंतरिक्ष यान की बैटरियों का कम उपयोग।
- ‘रेडियो’ तंत्र के पूरक ‘ऑप्टिकल संचार’ के साथ, भविष्य में मिशन अद्वितीय संचार क्षमताओं से युक्त होंगे।
लेजर प्रणाली बनाम रेडियो प्रणाली:
- लेजर संचार और रेडियो तरंगें, प्रकाश की विभिन्न तरंग दैर्ध्य का उपयोग करती हैं।
- लेजर में ‘अवरक्त प्रकाश’ (Infrared Light) का उपयोग किया जाता है, और रेडियो तरंगों की तुलना में इसकी तरंग दैर्ध्य कम होती है। इससे, कम समय में ज्यादा डाटा ट्रांसफर करने में मदद मिलेगी।
स्रोत –द हिन्दू