राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बहु–एजेंसी समुद्री सुरक्षा समूह (MAMSG)
हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ने कहा है कि, एक मजबूत समुद्री सुरक्षा प्रणाली के बिना भारत वह शक्ति नहीं बन पायेगा, जिसका वह हकदार है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बहु-एजेंसी समुद्री सुरक्षा समूह (Multi Agency Maritime Security Group-MAMSG) की उद्घाटन बैठक को संबोधित कर रहे थे।
इस दौरान उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और हितों के टकराव की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।
इस बैठक में सभी 13 तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों, भारतीय नौसेना तथा विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों ने भाग लिया। इसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा समन्वयक (NMSC) ने की थी।
NMSC समुद्री सुरक्षा और समुद्री असैन्य मुद्दों में शामिल सभी एजेंसियों के बीच समन्वय के लिए उत्तरदायी है।
भारत के लिए समुद्री सुरक्षा का महत्वः
संचार के समुद्री मार्गों (Sea Lanes of Communication-SLOCs) को सुरक्षित रखना जरूरी है। इसका कारण यह है कि महत्वपूर्ण कच्चे तेल सहित 70 प्रतिशत से अधिक भारतीय व्यापार (मूल्य के अनुसार) समुद्र के माध्यम से होता है।
निम्नलिखित खतरों से निपटने के लिए भी समुद्री सुरक्षा जरुरी है:
- समुद्री डकैती, अवैध अप्रवास,हथियारों की तस्करी,आतंकवादी हमले,पर्यावरणीय आपदाएं आदि।
- हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए भी जमाव को रोकने के लिए भी समुद्री सुरक्षा आवश्यक है।
इस संदर्भ में भारत द्वारा की गई प्रमुख पहले –
- प्रधान मंत्री के विजन ‘सागर’ (SAGAR)- क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
- समुद्री क्षेत्र में सहयोग के लिए कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव आयोजित किया जाता है। भारत, मालदीव, श्रीलंका और मॉरीशस इसके सदस्य हैं।
- भारत इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA),इंडो-पैसिफिक ओशन्स इनिशिएटिव(IPOI)आदि जैसे बहुपक्षीय मंचों के माध्यम से भी समुद्री सहयोग में भूमिका निभा रहा है।
- पनडुब्बियों,विमान वाहकों आदि सहित नौसेना के बेड़े का आधुनिकीकरण किया जा रहा है।
सुरक्षा और क्षेत्र में सभी का विकास (Security And Growth for All in the Region- SAGAR) कार्यक्रम
- सागर (SAGAR) कार्यक्रम को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मॉरीशस यात्रा के दौरान वर्ष 2015 में नीली अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित करने हेतु शुरू किया गया था।
- इस कार्यक्रम के माध्यम से भारत हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि भी सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है।
- इस कार्यक्रम का मुख्य सिद्धांत; सभी देशों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय समुद्री नियमों और मानदंडों का सम्मान, एक-दूसरे के हितों के प्रति संवेदनशीलता, समुद्री मुद्दों का शांतिपूर्ण समाधान और समुद्री सहयोग में वृद्धि इत्यादि है।
स्रोत –द हिन्दू