‘पूर्वोत्तर क्षेत्र और सिक्किम में MSME को प्रोत्साहन’
हाल ही में केंद्रीय क्षेत्र की योजना ‘पूर्वोत्तर क्षेत्र और सिक्किम में MSME को प्रोत्साहन’ के लिए नए दिशा-निर्देशों को मंजूरी दी गयी।
यह योजना सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) संचालित कर रहा है। इस योजना के तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र (NER) और सिक्किम में MSME को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस सहायता से वे उत्पादकता में वृद्धि, प्रतिस्पर्धात्मकता में बढ़ोतरी तथा क्षमता निर्माण कर सकेंगे।
यह योजना 15वें वित्त आयोग की अवधि (2021-22 से 2025-26) के दौरान लागू की जाएगी।
योजना के निम्नलिखित घटक हैं:
- नए मिनी प्रौद्योगिकी केंद्रों की स्थापना और मौजूदा केन्द्रों का आधुनिकीकरणः इसके तहत पूर्वोत्तर क्षेत्र और सिक्किम में प्राकृतिक संसाधनों के लिए विनिर्माण, परीक्षण, पैकेजिंग,अनुसंधान एवं विकास, उत्पाद, प्रक्रिया नवाचारों एवं प्रशिक्षण को समर्थन देने वाली सामान्य सुविधाओं के निर्माण से जुड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
- नई और मौजूदा औद्योगिक संपदाओं का विकास।
- पर्यटन क्षेत्र का विकासः यह रसोई, बेकरी, आई.टी. अवसंरचना, सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए केंद्र आदि सामान्य सेवाओं के निर्माण से संबंधित है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में स्थलाकृति संबंधी चुनौतियों के कारण बड़े उद्योगों की स्थापना मुश्किल है। ऐसे में पूर्वोत्तर में MSME क्षेत्रक रोजगार प्रदान करने में मदद करेगा। साथ ही, समग्र संतुलित विकास लाने में भी सहायता करेगा। MSME का विकास भारत की एक्ट ईस्ट नीति में पूर्वोत्तर क्षेत्र की सार्थक भागीदारी में भी मदद करेगा।
पूर्वोत्तर क्षेत्र में MSME को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न सरकारी पहले
- पूर्वोत्तर विकास वित्त निगम लिमिटेड (NEDEL) कॉर्पोरेट वित्त, उपकरण वित्त, पूर्वोत्तर हथकरघा हस्तशिल्प आदि के लिए योजनाएं चला रहा है।
- प्रधान मंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP) के तहत MSME इकाइयों को सब्सिडी दी जा रही है। ग्रामीण आजीविका में सुधार के लिए पूर्वोत्तर ग्रामीण आजीविका परियोजना (NERLP) चलाई जा रही है। इसमें विशेष रूप से महिलाओं, बेरोजगार युवाओं और सबसे अधिक वंचितों को आजीविका सहायता दी जा रही है।
- MSME क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए पूर्वोत्तर औद्योगिक विकास योजना (NEIDS) चलायी जा रही है।
स्रोत –द हिन्दू