अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन द्वारा ‘मॉनिटर ऑन वर्ल्ड ऑफ वर्क रिपोर्ट’ जारी
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की ‘मॉनिटर ऑन वर्ल्ड ऑफ वर्क रिपोर्ट’ का 9वां संस्करण जारी किया गया है ।
इस रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष निम्नलिखित हैं:
- वर्ष 2022 की पहली तिमाही में वैश्विक स्तर पर कार्य के घंटों की संख्या कम होकर संकट-पूर्व निर्धारण से 8: नीचे आ गई है। यह 11.2 करोड़ पूर्णकालिक रोजगारों के कम हो जाने के बराबर है।
- अनौपचारिक क्षेत्र की महिला कामगार अपने पुरुष समकक्षों की तुलना में सर्वाधिक प्रभावित हुई हैं।
- वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में, अनौपचारिक क्षेत्र के रोजगार में महिलाओं की संख्या में कोविड संकट से पहले की स्थिति की तुलना में 24% की गिरावट आई है। वहीं पुरुषों के मामलों में 18% की गिरावट दर्ज की गयी
- वर्ष 2021 में, पांच में से तीन श्रमिक उन देशों में रह रहे थे जहां श्रम आय वर्ष 2019 की चौथी तिमाही में देखे गए स्तर को प्राप्त नहीं कर पाई है।
- इस रिपोर्ट में इस स्थिति से निकलने के लिए कई उपायों की सिफारिश की गयी है। ये सिफारिशें मानव-केंद्रित रिकवरी के लिए ILO के ग्लोबल कॉल टू एक्शन, और ILO के नेतृत्व वाली संयुक्त राष्ट्र की पहल ‘ग्लोबल एक्सेलेरेटर फॉर जॉब्स एंड सोशल प्रोटेक्शन’ के अनुरूप हैं।
इन उपायों में शामिल हैं:
- श्रम से प्राप्त आय की क्रय शक्ति को बनाए रखने के लिए समय पर और प्रभावी सहायता करना।
- संकट से सर्वाधिक प्रभावित समूहों और क्षेत्रों, विशेष रूप से अभावग्रस्त श्रमिकों तथा अनौपचारिक से औपचारिक अर्थव्यवस्था के रोजगारों को अपनाने वालों के लिए सहायता।
- लंबी अवधि की और अच्छी तरह से डिजाइन की गई क्षेत्र अनुसार नीतियां बनाने की जरूरत है।
मानव–केंद्रित रिकवरी के लिए ग्लोबल कॉल टू एक्शनः
यह “कोई पीछे न छूट जाये” की नैतिक और राजनीतिक आकांक्षा को ठोस कार्रवाई में बदलने का आह्वान करता है। इसके लिए देशों को सक्षम बनाने हेतु यह नीति स्पष्ट और व्यापक मार्ग प्रदान करती है।
ग्लोबल एक्सेलेरेटर फॉर जॉब्स एंड सोशल प्रोटेक्शनः
इसका उद्देश्य 40 करोड़ रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए वैश्विक वित्तपोषण सुनिश्चित करने में मदद करना है। साथ ही, इसका लक्ष्य उन 4 अरब लोगों को सामाजिक सुरक्षा भी प्रदान करना है, जो वर्तमान में इससे बाहर हैं।
ILOकी अन्य प्रमुख रिपोर्ट्स में शामिल हैं:
- विश्व मजदूरी रिपोर्ट,
- विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट,
- विश्व रोजगार एवं सामाजिक परिदृश्य रिपोर्ट,
- सामाजिक संवाद रिपोर्ट आदि
स्रोत –द हिन्दू