रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा मौद्रिक नीति समीक्षा
हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा मौद्रिक नीति समीक्षा जारी की गई है ।
RBI गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee: MPC) ने नीतिगत दरों को अपरिवर्तित रखा है। समिति ने रेपो दर को 4% और रिवर्स रेपो दर को 3.35% पर बनाए रखा है।
प्रमुख निर्णयः
सरकारी प्रतिभूति अभिग्रहण कार्यक्रम (Government Securities Acquisition Programme: G-SAP) के तहत द्वितीयक बाजार बॉण्ड खरीदने का निलंबन : इसका उद्देश्य प्रणाली से अतिरिक्त तरलता (चलनिधि) को निकालना है। सरकारी प्रतिभूति अभिग्रहण कार्यक्रम (G-SAP) एक समर्पित चलिनिधि तंत्र है। इसके माध्यम से RBI बैंकिंग प्रणाली में नकदी का अंतरप्रवेश करने के लिए सरकारी प्रतिभूतियों (sovereign papers) का क्रय करता है।
चलनिधि को निश्चित दर के रिवर्स रेपो से नीलामियों में स्थानांतरित करना : चरणबद्ध रीति से दिसंबर माह तक वर्तमान 4 लाख करोड़ रुपये से 6 लाखकरोड़ रुपये तक, पाक्षिक आधार पर 14-दिवसीय परिवर्तनीय दर रिवर्सरेपोVariable Rate Reverse Repo: VRRR) नीलामी आयोजित करने का प्रस्ताव किया गया है।
28-दिवसीय VRRR नीलामियों की शुरुआत की गई है। साथ ही, ये नीलामियां आवश्यकता के आधार पर चलनिधि संचालनों (जैसे कि सात-दिवसीय VRRRs या ऑपरेशन दिवस्ट (O) और Open Market Operations: OMO) को उत्तम रीति से संचालित करने हेतु जारी रहेंगी।
तत्काल भुगतान सेवा (Immediate Payment Service: IMPS) की सीमा 2 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करना:
इससे डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा। IMPS 24X7 तत्काल घरेलू निधि अंतरण सुविधा प्रदान करता है। साथ ही, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइलबैंकिंगऐप, बैंक शाखाओं, ए.टी.एम., एस.एम.एस. और इंटरएक्टि ववॉयस रिस्पांस सिस्टम(IVRS) जैसे विभिन्न चैनलों के माध्यम से सुलभ है।
इसका प्रबंधन भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (National Payments Corporation of India: NPCI) द्वारा किया जाता है।
गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के लिए आंतरिक लोकपाल योजना : RBI, शिकायत निवारण तंत्र को सरल बनाने के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) हेतु आंतरिक लोकपाल योजना आरंभ करेगा।
NBFCS में आंतरिक लोकपाल, सेवाओं में व्याप्त उन कमियों से संबंधित ग्राहकों की शिकायतों की जांच करेगा, जिन्हें NBFCS द्वारा आंशिक या पूर्ण रूप से अस्वीकार कर दिया गया है।
स्रोत –द हिन्दू