संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) नियमों में संशोधन
हाल ही में वित्त मंत्रालय ने संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) नियमों में संशोधन किया है।
वित्त मंत्रालय द्वारा किए गए संशोधन के तहत MPLADS निधि पर जमा होने वाले ब्याज को भारत की संचित निधि में जमा किया जाएगा।
इससे पहले, इस निधि पर अर्जित ब्याज को MPLADS खाते में जमा किया जाता था। इसका उपयोग विकास परियोजनाओं के लिए किया जा सकता था।
प्रस्तावित संशोधन का उद्देश्य निधियों का समय पर आवंटन और कुशल उपयोग सुनिश्चित करना है।
संसद सदस्य स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) के बारे में
- MPLADS को वर्ष 1993 में शुरू किया गया था।
- यह सांसदों को स्थानीय स्तर पर महसूस की गई जरूरतों के आधार पर पूंजीगत प्रकृति के विकास कार्यों को संपन्न कराने की सिफारिश का अधिकार देती है।
- इसमें मुख्य रूप से स्थायी परिसंपत्ति के निर्माण पर बल दिया जाता है।
- इसके तहत प्रत्येक सांसद को 5 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की दर से 5 करोड़ रुपये की दो किस्तों में फंड जारी किया जाता है।
- प्रत्येक वर्ष सांसद को निम्नलिखित अनुपात में इस निधि से कार्य की सिफारिश करनी होती है:
- अनुसूचित जाति (SC) की आबादी वाले क्षेत्रों के लिए MPLADS निधि का कम से कम 15%, और
- अनुसूचित जनजाति (ST) की आबादी वाले क्षेत्रों के लिए MPLADS निधि का 5 प्रतिशत।
- MPLADS के अंतर्गत निधियां व्यपगत नहीं होती हैं अर्थात इनका उपयोग नहीं होने पर भी निधि वैसी ही रहती है।
- जिला स्तर पर इस योजना के तहत कार्यों के समग्र समन्वय और पर्यवेक्षण के लिए जिला प्राधिकरण जिम्मेदार है। जिला प्राधिकरण को प्रति वर्ष कार्यान्वयन के तहत कम से कम 10% कार्यों का निरीक्षण करना होता है।
- योजना के कार्यान्वयन के लिए नीति निर्माण, निधि जारी करने और निगरानी तंत्र निर्धारित करने के लिए सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MOSPI) जिम्मेदार है।
स्रोत –द हिन्दू