राजस्थान सरकार द्वारा मैन्युफैक्चर्ड सैंड (एम–सैंड) को बढ़ावा
हाल ही में राजस्थान सरकार नदी से प्राप्त रेत के एक बेहतर विकल्प के रूप में मैन्युफैक्चर्ड सैंड (एम–सैंड) को बढ़ावा दे रही है।
एम–सैंड का उत्पादन चट्टानों व खदान के पत्थरों को पीसकर किया जाता है। फिर इन्हें 150 माइक्रोन का निर्धारित आकार दिया जाता है। यह नदी से निकाले जाने वाली रेत से अलग होती है।
एम- सैंड के लाभ
- यह प्राकृतिक रेत का उपयोग करने की तुलना में अधिक लागत प्रभावी है।
- यह प्राकृतिक रेत के खनन की आवश्यकता को कम करती है, क्योंकि प्राकृतिक रेत खनन नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव पैदा करता है।
- यह निर्माण परियोजनाओं के लिए जल की आवश्यक मात्रा को कम करती है, क्योंकि इसे उपयोग करने से पहले धोने की आवश्यकता नहीं होती है।
- यह जल स्तर बनाए रखने में मदद करती है।
भारत में रेत खनन
- रेत को खान और खनिज (विकास और विनियम) अधिनियम, 1957 के तहत एक ‘गौण खनिज’ (Minor mineral) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। रेत खनन का प्रशासनिक नियंत्रण राज्य सरकारों के पास होता है।
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने 2016 में सतत रेत खनन प्रबंधन दिशा-निर्देश जारी किए थे। ये दिशा-निर्देश रेत के वैज्ञानिक खनन और इसके पर्यावरण-अनुकूल प्रबंधन पद्धति को प्रोत्साहित करते हैं।
- खान मंत्रालय ने रेत खनन फ्रेमवर्क, 2018 जारी किया है। इसमें क्रश्ड रॉक फाइन्स (क्रशर डस्ट) आदि से एम- सैंड के निर्माण के रूप में रेत के वैकल्पिकस्रोतों की परिकल्पना की गई है।
- केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने स्टोन क्रशिंग इकाइयों के लिए पर्यावरणीय दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इनमें स्टोन क्रशिंग इकाइयों में वायु प्रदूषण नियंत्रण उपाय करना शामिल है।
नदी से प्राप्त रेत (सैंड)
- एम- सैंड की तुलना में कंक्रीट शक्ति कम होती है।
- परतदार, नुकीले और कोणीय कणों की अधिकता के कारण जोड़ कमजोर होतेहैं ।
- गाद सामग्री 3-20% होती है। गुणवत्ता पर कोई नियंत्रण नहीं होता है, क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से निर्मित होतीहै। एक ही नदी तल की रेत में गाद की मात्रा में अंतर हो सकता है।
एम-सैंड (मैन्युफैक्चर्ड सैंड)
- नदी से प्राप्त रेत की तुलना में इसमें उच्च कंक्रीट शक्ति होती है।
- M- सैंड के कण घनाकार होते हैं। इससे मजबूत जोड़ बनते हैं ।
- शून्य गाद सामग्री होती है।
- नियंत्रित परिवेश में निर्मित होने के कारण- बेहतर गुणवत्ता सेयुक्त है।
स्रोत – बिजनेस स्टैण्डर्ड