मालवीय मिशन
हाल ही में केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने ‘मालवीय मिशन – शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम’ का शुभारंभ किया है।
मालवीय मिशन – शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय के सहयोग से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा आयोजित किया गया है।
मिशन के उद्देश्य:
- इस पहल का उद्देश्य शिक्षकों के लिए अनुरूप प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करना और उच्च शिक्षण संस्थानों (एचईआई) में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है। इसके लिए इन्हें अलग-अलग प्रशिक्षण केंद्रों में दो वर्षों के भीतर प्रशिक्षित किया जाएगा।
- यह कार्यक्रम 111 मालवीय मिशन केंद्रों के माध्यम से पूरे भारत में 15 लाख शिक्षकों को सक्षम बनायेगा। विदित हो कि मानव संसाधन विकास केंद्रों (एचआरडीसी) का नाम बदलकर ‘मदन मोहन मालवीय शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र’ किया गया है ।
- इसका उद्देश्य शिक्षकों को भविष्य के लिए तैयार करना, प्रशिक्षण की गुणवत्ता में सुधार करना , नेतृत्व कौशल का निर्माण करना और ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020’ के लक्ष्यों के साथ संरेखित करना है।
- यह कार्यक्रम उच्च शिक्षा के सभी घटक क्षेत्रों में नवीन शिक्षण विधियों और उच्च स्तरीय संस्थागत सुविधाओं को विकसित करने में मदद करेगा।
प्रारंभिक (स्कूल) स्तर पर शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम
स्कूल प्रमुखों एवं शिक्षकों की समग्र उन्नति के लिए राष्ट्रीय पहल-निष्ठा (National Initiative for School Heads and Teachers Holistic Advancement –NISHTHA)
- ‘निष्ठा’ दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम है। जिसे 2019-20 में शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा शुरू किया गया था।
- निष्ठा योजना समग्र शिक्षा की केंद्र प्रायोजित योजना के तहत एक राष्ट्रीय मिशन है,इसका उद्देश्य एक एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से प्रारंभिक स्तर पर सीखने के परिणामों में सुधार करना है।
- यह “एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण के माध्यम से स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार” के लिए एक क्षमता निर्माण कार्यक्रम है ।
- इसका उद्देश्य प्रारंभिक स्तर पर सभी शिक्षकों और स्कूल प्राचार्यों के बीच दक्षताओं का निर्माण करना है। यह अपनी तरह का दुनिया का सबसे बड़ा शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम है।
- निष्ठा योजना प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्राथमिक उद्देश्य छात्रों में महत्वपूर्ण सोच को प्रोत्साहित करने और बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों को प्रेरित और सुसज्जित करना है।
स्रोत – पी.आई.बी.