मशीन से मशीन संचार (M2M) क्षेत्र में व्यापक प्रसार और नवाचार योजनायें
हाल ही में सरकार ने मशीन से मशीन संचार (M2M) क्षेत्र में व्यापक प्रसार और नवाचार के लिए कदम उठाये हैं ।
M2M तंत्र को मजबूत करने के लिए उठाये गए कदमः
- M2MSP सेवा प्रदान करने वालों और WPAN/WLAN कनेक्टिविटी सेवा प्रदाताओं के पंजीकरण हेतु दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं।
- मोबाइल नेटवर्क के माध्यम से जुड़े M2M/इंटरनेट ऑफ थिंग्स (NOT) उपकरणों के लिए विशेष रूप से 13-अंकीय नंबर प्रणाली आरंभ की गयी है।
- M2M/IoT अनुप्रयोगों के लिए अतिरिक्त स्पेक्ट्रम (1 मेगाहट्ज) उपलब्ध कराए गए हैं।
मशीन से मशीन (M2M) संचार का आशय स्वचालित एप्लीकेशन्स से है। इसमें मशीनें और उपकरण बिना किसी मानव हस्तक्षेप के एक नेटवर्क के माध्यम से संचार करते हैं।
इसके तहत किसी घटना को कैप्चर करने के लिए उपकरण (जैसे सेंसर या मीटर) का उपयोग किया जाता है। इसके बाद इसे नेटवर्क (वायरलेस, वायर्ड या हाइब्रिड) के माध्यम से आगे एप्लीकेशन को भेजा जाता है। अंत में कैप्चर की गई घटना को एप्लीकेशन सार्थक जानकारी में बदल देता है।
M2M के अनुप्रयोगः
- परिवहन और स्वचालन में: फ्लीट प्रबंधन सेवाओं, ईंधन की खपत, जी.पी.एस, ट्रैकिंग आदि। यूटिलिटीज में स्मार्ट मीटर- जल, ऊर्जा और ईंधन उपभोग हेतु, स्मार्ट ग्रिड– लोड की निगरानी हेतु आदि।
- विनिर्माणः परिसंपत्ति प्रबंधन में आवश्यकतानुसार समाधान हेतु, स्मार्ट सेंसर में, औद्योगिक नियंत्रकों के लिए निगरानी/नैदानिकी (diagnostics) आदि में।
- स्वास्थ्य देखमालः स्मार्टबॉडी सेंसर, दूर स्थित रोगी की निगरानी आदि में।
- सुरक्षा और निगरानी: अलार्म सिस्टम मॉनिटरिंग में, वीडियो के माध्यम से निगरानी में, वास्तविक समय आधारित निगरानी आदि में।
M2M के समक्ष चुनौतियां
- मुक्त मानक प्रोटोकॉल
- विलंब संबंधी बाधाएं
- वायरलेस संचार विषमता
- संसाधनों की कमी
- भौतिक सुरक्षा
- सॉफ्टवेयर
- वैश्विक संपर्क
- विस्तार करने संबंधी क्षमता
स्रोत –द हिन्दू