भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बुनियादी ढांचे को करेगा मजबूत
हाल ही में जारी संसदीय समिति की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत, वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर बुनियादी ढांचे को और बेहतर बनाने में जुटा है ।
गलवान की घटना के बाद, भारत-चीन सीमा पर बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर अपग्रेड किया जा रहा है।
संसदीय समिति द्वारा पेश रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार ने चीन सीमा पर 32 सड़कों के निर्माण को मंजूरी दी है, जिनमें से आठ पर काम शुरू हो गया है।
चीन सीमा पर 32 हेलीपैड का निर्माण किया जा रहा है, और उन्हें आधुनिक बनाया जा रहा है।
सीमा पर बुनियादी ढांचे को विकसित करने की जरूरत क्यों है?
- इससे सैनिकों, बख्तरबंद वाहनों और आर्टिलरीज़ (या तोपची सैनिकों) की शीघ्र आवाजाही सुनिश्चित होगी।
- अवैध गतिविधियों (जैसे कि गैर-कानूनी प्रवास, नकली मुद्रा आदि) पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
- आंतरिक (हिंटरलैंड) इलाकों से संपर्क स्थापित करने में मदद मिलेगी। इससे लोगों में सुरक्षा बलों और सरकार के प्रति सकारात्मक धारणा निर्मित होगी और लोग सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने के लिए प्रोत्साहित होंगे।
- इससे सीमा पार से घुसपैठ और सीमा-पार उग्रवाद के खतरों को कम करने में मदद मिलेगी।
- पड़ोसी देशों के साथ व्यापार संबंधों में सुधार होगा।
सीमा पर बुनियादी ढांचे के प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायः
वाइलेंट विलेज प्रोग्राम: मुख्य रूप से भारत-चीन सीमा पर दूरस्थ बस्तियों में सामाजिक और वित्तीय बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए इसकी घोषणा की गयी है।
सीमा अवसंरचना और प्रबंधन (Border Infrastructure & Management: BIM)
- यह केंद्रीय क्षेत्रक की एक अम्ब्रेला योजना है। यह योजना सीमा प्रबंधन, पुलिसिंग और सीमाओं की रखवाली में सुधार के लिए संचालित की जा रही है।
- सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (Border Area Development Programme): इसे व्यापक सीमा प्रबंधन के लिए संचालित किया जा रहा है ।
सीमा सड़क संगठन के बजट में वृद्धिः
वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में केंद्रीय बजट 2022-23 में, सीमा सड़क संगठन के लिए पूंजीगत व्यय में रिकॉर्ड 40 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है।
स्रोत –द हिन्दू