लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इंडिया रिपोर्ट
हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार महामारी के दौरान कुष्ठ रोग से जुड़े मामलों का पता लगाने के प्रयासों में कमी आयी है ।
लेप्रोसी मिशन ट्रस्ट इंडिया भारत में कुष्ठ रोग पर केंद्रित सबसे बड़ा NGO है।
इसकी एक रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष निम्नलिखित हैं:
- कोविड-19 महामारी की वजह से चार राज्यों; आंध्र प्रदेश,ओडिशा, बिहार और मध्य प्रदेश में सक्रिय कुष्ठ मामलों का पता लगाने में 5% की गिरावट दर्ज की गयी है। यह गिरावट अप्रैल और सितंबर 2020 के बीच देखी गई है।
- नए मामलों में महिलाओं और बच्चों के अनुपात में 70% की कमी आई है।
कुष्ठ रोग (हैनसेन रोग) के बारे में:
- यह एक दीर्घकालिक (chronic) संक्रामक रोग है। यह रोग धीमी गति से वृद्धि करने वाले माइकोबैक्टीरियम लेप्री (Mycobacterium leprae) बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है।
- यह रोग मुख्य रूप से त्वचा, परिधीय तंत्रिकाओं, ऊपरी श्वसन पथ और आंखों के म्यूकोसा को प्रभावित करता है ।
- बहु-औषधीय (multidrug) उपचार से इसका इलाज किया जा सकता है। यदि इस रोग की प्रारंभिक अवस्था में ही उपचार शुरू हो जाए, तो इस रोग से होने वाली अक्षमताको रोका जा सकता है।
संक्रमणः
- अनुपचारित रोगियों के निकट और लगातार संपर्क में रहने पर रोगी के नाक और मुंह से निकली बूंदों के माध्यम से इस रोग का संक्रमण होता है।
- वैश्विक स्तर पर इस रोग के सर्वाधिक मामले भारत में पाए जाते हैं।
कुष्ठ रोग के उन्मूलन के लिए किए गए उपाय
- राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।
- राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) और राष्ट्रीय किशोर 5 स्वास्थ्य कार्यक्रम (RKSK) के तहत कुष्ठ रोग की जांच की जाती है। इसके अतिरिक्त, व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, आयुष्मान भारत जैसे कार्यक्रम भी संचालित किए जा रहे हैं।
- “स्पर्श” नामक कुष्ठ जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
स्रोत –द हिन्दू