शिक्षा मंत्रालय द्वारा लर्निंग रिकवरी प्लान (LRP)
हाल ही में शिक्षा मंत्रालय ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए एक लर्निंग रिकवरी प्लान (LRP) तैयार किया है।
सीखने की निरंतरता सुनिश्चित करने और महामारी के प्रभावों से स्कूली शिक्षा प्रणाली को उबारने की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इसके लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लर्निंग रिकवरी प्लान (LRP) दिशा-निर्देशों का अनुपालन करने के लिए कहा गया है।
LRP के तहत किए गए उपायः
- स्कूल न जाने वाले बच्चों और प्रत्येक कक्षा से ड्रॉप आउट कर चुके बच्चों की पहचान करना व उनका पता लगाना।
- पाठ्य पुस्तकों और यूनिफॉर्म की आपूर्ति सुनिश्चित करना। साथ ही, स्कूल स्तर पर चाइल्ड रजिस्ट्री तैयार कर प्रत्येक बच्चे को ट्रैक करना।
- माध्यमिक कक्षाओं के लिए ब्रिज कोर्स और स्कूल रेडीनेस मॉड्यूल का कार्यान्वयन सुनिश्चित करना।
- मौखिक पठन (ओरल रीडिंग) और फ्लुएंसी टेस्ट का आयोजन करना। इससे बच्चों के लिए विभिन्न भारतीय भाषाओं में रीडिंग (पठन) के न्यूनतम मानदंड स्थापित किये जा सकेंगे।
- केंद्र ने राज्यों को ब्लॉक और क्लस्टर स्तर पर सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) सुविधाओं को मजबूत करने के लिए कहा है। इससे शिक्षकों की दक्षता बढ़ाने में मदद मिलेगी।
- एक दूसरे से सीखने के लिए निजी स्कूलों, केंद्रीय विद्यालयों या नवोदय विद्यालयों के साथ स्कूलों का परस्पर समूहन करना।
छात्रों एवं शिक्षकों के लिए फंड:
- उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के सभी छात्रों के लिए 500 रुपये प्रति छात्र।
- प्राथमिक स्तर पर 25 लाख शिक्षकों के लिए टेबलेट्स की खरीद हेतु 10,000 रुपए प्रति शिक्षक।
- ORF (ओरल रीडिंग फ्लुएंसी) अध्ययन के लिए निधि।
स्रोत –द हिन्दू