लद्दाख गतिरोध पर भारत और चीन के मध्य वार्ता में ठहराव
हाल ही में पूर्वी लद्दाख के पर्वतीय क्षेत्रों में 17 माह से जारी गतिरोध का समाधान निकालने के लिए भारत और चीन के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के बीच संचालित वार्ता निष्फल हो गई है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control: LAC) के चीनी क्षेत्र में आयोजित 13वें दौर की वार्ता का उद्देश्य पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से सैनिकों की वापसी पर चर्चा करना था।
गलवान घाटी, गोगरा पोस्ट तथा पैंगोंगत्सो के उत्तरी और दक्षिणी तट वार्ता के अन्य बिंदु थे।
भारत-चीन सीमा विवाद
भारत और चीन के मध्य सीमा पूर्णतः स्पष्ट रूप से सीमांकित नहीं है। इसकी 3,488 किलोमीटर की लंबाई के कुछ हिस्सों के साथ, वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर दोनों पक्ष पारस्परिक रूप से सहमत नहीं हैं।
सीमा को तीन खंडों में विभाजित किया गया है अर्थात् पश्चिमी, मध्य और पूर्वी
- पश्चिमी खंडः यह 1880 के दशक में अंग्रेजों द्वारा प्रस्तावित जॉनसन रेखा से संबंधित है। इसने अक्साईचिन को जम्मू और कश्मीर की तत्कालीन रियासत के अंतर्गत रखा था। हालांकि, चीन जॉनसनरेखा को स्वीकार नहीं करता है।
- मध्य खंडः यह एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जहां भारत और चीन ने मानचित्रों का आदान-प्रदान किया है तथा इस पर वे लगभग सहमत हैं।
- पूर्वी खंडः विवादित सीमारेखा मैकमहोन रेखा के ऊपर अवस्थित है।
स्रोत –द हिन्दू