अहोम साम्राज्य के महान सेनापति लाचित बोड़फुकन

Share with Your Friends

अहोम साम्राज्य के महान सेनापति लाचित बोड़फुकन

  • हाल ही में असम के चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने , 17वीं शताब्दी के अहोम सेनापति लाचित बोड़फुकन को भारत के “आत्मनिर्भर सैन्य-शक्ति के प्रतीक” के रूप में संबोधित किया।
  • 1665 में लचित को अहोम सेना का मुख्य सेनाअध्यक्ष/सेनापति (बोरफुकन) बनाया गया|
  • अहोम सेना में 10 सैनिको का नायक “डेका” , 100 का “सैनिया ” , 1,000 का “हजारिका”, 3 हज़ार का “राजखोवा” और 6 हज़ार का नायक “फुकन” कहलाता था , बोरफुकन उन सभी का प्रमुख होता था ।

लाचित बोरफुकन:

  • 24 नवम्बर 1622 मे जन्मे लाचित बोरफुकन को सराईघाट के युद्ध(1671) में महत्वपूर्ण नेतृत्व के लिए याद किया जाता है।1671 में इन्होने मुग़ल सेना द्वारा असम पर कब्ज़े का प्रयास विफल कर दिया था ।
  • इन्हे पूर्वोत्तर भारत का वीर ‘शिवाजी’ कहा जाता है।
  • इस युद्ध में मुग़ल सेना (औरंगजेब) का नेतृत्व, आमेर (जयपुर) के राम सिंह ने किया ।
  • प्रत्येक वर्ष 24 नवम्बर को सम्पूर्ण असम में “लाचित दिवस” का आयोजन किया जाता है।
  • रास्ट्रीय रक्षा आकादमी, सर्वश्रेष्ठ कैडेट को “लाचित बोरफुकन स्वर्ण पदक “ से पुरस्कृत करती है।

सराईघाट का युद्ध:

  • यह युद्ध ब्रहमपुत्र नदी के तट पर गुवाहाटी में 1671 में लड़ा गया था ।
  • यह युद्ध अहोम राज्य और मुगलो के बीच लड़ा गया । इस युद्ध में मुग़ल सेना (औरंगजेब) का नेतृत्व, आमेर (जयपुर) के राम सिंह ने किया ।
  • इसे एक नदी पर सबसे बड़ी नौसैनिक लड़ाई के रूप में जाना जाता है, जिसके बाद मुगलों द्वारा आहोम विजय का विचार त्यागना पड़ा। इस युद्ध में मुग़ल सेना (औरंगजेब) का नेतृत्व, आमेर (जयपुर) के राम सिंह ने किया ।

अहोम साम्राज्य:

  • 13 वीं शताब्दी में चोलुंग सुकफ़ ने अहोम साम्राज्य की नीव रखी थी। 1826 के यांदबू की संधि के द्वारा ब्रिटिश साम्राज्य में सम्मिलित होने से पूर्व, अहोम साम्राज्य लगभग 600 वर्षों तक बना रहा।
  • अहोमों ने भुइयां (जमींदारों) की पुरानी राजनीतिक व्यवस्था को दबाकर एक नया राज्य बनाया।
  • अहोम समाज कुलों में विभाजित था। एक कबीला अक्सर कई गांवों को नियंत्रित करता था।
  • अहोम लोगों का पहले अपना अलग जातीय धर्म था , किन्तु कालांतर में अहोम लोगों ने हिन्दू धर्म अपना लिया ।
  • भाषा और लिपि का भी भारतीयकरण हुआ , इस कारण संस्कृत-बंगला लिपि से मिलती जुलती लिपि का विकास हुआ।
  • अहोम साम्राज्य का शासन प्रबंधन सामन्तवादी था, जिसमे सामंतवाद के सभी गुण-अवगुण विद्धमान थे|

स्त्रोत : द हिन्दू

Download Our App

MORE CURRENT AFFAIRS

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

UPSC IAS Best Online Classes & Course At Very Affordable price

Register now

Youth Destination Icon