कोणार्क चक्र

Share with Your Friends

कोणार्क चक्र 

हाल ही में ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ विषय के अंतर्गत नई दिल्ली 18वाँ G20 शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर, 2023 आयोजित किया गया था । यह शिखर सम्मेलन नई दिल्ली के प्रगति मैदान में ‘भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर’ में आयोजित किया गया था ।

भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर पर ओडिशा के सूर्य मंदिर के ऐतिहासिक कोणार्क चक्र वाली एक दीवार लगाई गई थी ।

कोणार्क सूर्य मंदिर के बारे में

  • कोणार्क सूर्य मंदिर का निर्माण 1250 ई.पू. पूर्वी गंग राजवंश के राजा नरसिम्हादेव प्रथम द्वारा करवाया गया था । यह भारत के ओडिशा राज्य के पुरी ज़िले में समुद्र तट पर स्थित कोणार्क में है।
  • भगवान सूर्य को समर्पित यह मंदिर 100 फुट ऊँचे रथ की तरह दिखता है, जिसमें विशाल चक्र और घोड़े हैं।
  • यह मंदिर यूनेस्को (UNESCO) के विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल है । कोणार्क सूर्य मंदिर को भारतीय 10 रुपए के नोट के पीछे की तरफ दर्शाया गया है। सूर्य मंदिर कलिंग मंदिर वास्तुकला की पराकाष्ठा है।
  • इसे यूरोपीय नाविकों द्वारा “ब्लैक पैगोडा” भी कहा जाता था, क्योंकि यह एक विशाल काले पत्थरों से निर्माण के कारण काला दिखाई देता था। पुरी के जगन्नाथ मंदिर को “व्हाइट पैगोडा” कहा जाता था।

प्रमुख विशेषताएँ:

  • यह मंदिर सूर्य देव के रथ का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें सात घोड़ों द्वारा खींचे गए बारह जोड़े चक्र हैं जो पूरे आकाश में इसकी गति को दर्शाते हैं।
  • चक्रों में 24 तीलियाँ हैं जो एक दिन के 24 घंटों का प्रतीक हैं। चक्र धूपघड़ी (Sundials) के रूप में भी कार्य करते हैं, क्योंकि तीलियों द्वारा डाली गई छाया दिन के समय का संकेत देती है।
  • विमान के ऊपर एक शिखर (मुकुट आवरण) के साथ ऊँचा टॉवर था, जिसे रेखा देउल के नाम से भी जाना जाता था, जिसे 19वीं शताब्दी में ढहा दिया गया था।
  • पूर्व की ओर जहमोगाना (दर्शक कक्ष या मंडप) अपने पिरामिडनुमा आकृति के साथ खंडहरों की प्रभावी संरचना है।
  • पूर्व की ओर सुदूर नटमंदिर (नृत्य कक्ष), जो अब बिना छत के है, एक ऊँचे मंच पर स्थापित है।

स्रोत – इंडियन एक्सप्रेस

Download Our App

More Current Affairs

Join Our Whatsapp Group For Daily, Weekly, Monthly Current Affairs Compilations

UPSC IAS Best Online Classes & Course At Very Affordable price

Register now

Youth Destination Icon