खनिज रियायत (चौथा संशोधन) नियम, 2021 लागू किया गया
घरेलू खनिज क्षेत्र में व्यापार करने में सुगमता लाने के लिए, केंद्र ने एक अधिसूचना में खनिज रियायत नियम, 2016 में संशोधन किया है।
इसमें निम्नलिखित कुछ प्रमुख बदलाव शामिल हैं:
- खानों के आंशिक समर्पण की अनुमति देना।
- कैप्टिव खदानों द्वारा 50% तक खनिजों की बिक्री की अनुमति देना।
- कैप्टिव खदानों से उत्पादित खनिज खानों की स्वामित्व धारक कंपनी के अनन्य उपयोग के लिए होते हैं।
- बिना किसी शुल्क के खदानों का आसान हस्तांतरण।
- रॉयल्टी के विलंबित भुगतान पर जुर्माना पूर्ववर्ती 24% से घटाकर 12% कर दिया गया है।
- पट्टेदार राज्य सरकार को रॉयल्टी के रूप में अतिरिक्त राशि का भुगतान करेगा।
संशोधन का महत्व
- खुले बाजार में खनिज की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- यह उत्पादन और मूल्य निर्धारण पर बहुत अधिक दबाव को समाप्त करेगा।
- सभी प्रमुख खनिज इस संशोधन का हिस्सा हैं। इस प्रकार लौह अयस्क, बॉक्साइट, चूना पत्थर, जस्ता और मैंगनीज सहित अन्य खनिजों को भी लाभ होगा।
- चूना पत्थर की लगभग 90% खदानें कैप्टिव खनन के लिए हैं, इस प्रकार सीमेंट उद्योग को भी अत्यधिक लाभ होगा।
स्रोत– द हिंदू