अवैध, असूचित, और अनियमित मत्स्यन (IUU fishing)

अवैध, असूचित, और अनियमित मत्स्यन

  • हाल ही में भारतीय नौसेना के अनुसार हिंद महासागर में इस क्षेत्र के बाहर के मत्स्यन पोत देखे गए हैं।
  • हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में वर्ष 2021 में गैर-कानूनी, असूचित और अविनियमित मत्स्यन (Illegal, unreported, and unregulated-IUU fishing) की 392 घटनाएं रिपोर्ट की गई थीं।
  • इनमें से ज्यादातर घटनाएं उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में दर्ज की गई थीं। IOR में चीन के अलावा यूरोपीय संघ के देशों के मत्स्यन पोतों को देखा गया है।
  • भारत में IUU की निगरानी ‘सूचना प्रबंधन और विश्लेषण केंद्र’ (Information Management and Analysis Centre -IMAC) करता है। यह समुद्री डेटा एकीकरण के लिए एक नोडल एजेंसी है।
  • इसे 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद स्थापित किया गया था।
  • FAO के अनुसार, IUU मत्स्यन के कारण प्रत्येक वर्ष 11-26 मिलियन टन मछलियों का नुकसान होता है।

अवैध, असूचित, और अनियमित मत्स्यन:

  • अवैध, असूचित और अनियमित मत्स्यन की गतिविधियाँ राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मत्स्यन अधिनियमों का उल्लंघन करती हैं।
  • IUU मत्स्यन एक वैश्विक समस्या है जो समुद्री पारिस्थितिक तंत्र और स्थायी मत्स्य पालन के लिए खतरा है।
  • अवैध मत्स्यन से तात्पर्य लागू कानूनों और अधिनियमों के उल्लंघन में आयोजित मत्स्यन की गतिविधियों से है, जिसमें क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर में अपनाए गए कानून और नियम शामिल हैं।
  • असूचित मत्स्यन से तात्पर्य मत्स्यन गतिविधियों से है जो राष्ट्रीय कानूनों और अधिनियमों या संबंधित क्षेत्रीय मत्स्य पालन प्रबंधन संगठन की रिपोर्टिंग प्रक्रियाओं के उल्लंघन में संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट नहीं की जाती हैं या गलत तरीके से रिपोर्ट की जाती हैं।
  • उन क्षेत्रों में या मछली स्टॉक के लिए अनियमित मत्स्यन होता है जिसके लिए कोई लागू संरक्षण या प्रबंधन उपाय नहीं हैं और जहां ऐसी मत्स्यन की गतिविधियां अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जीवित समुद्री संसाधनों के संरक्षण के लिए राज्य की जिम्मेदारियों के असंगत तरीके से आयोजित की जाती हैं

IUU के खिलाफ की गई प्रमुख पहले

  • मत्स्योद्योग (Fisheries) सब्सिडी पर विश्व व्यापार संगठन समझौता हानिकारक मत्स्योद्योग सब्सिडी पर रोक लगाता है।
  • केपटाउन समझौता और एग्रीमेंट ऑन पोर्ट्स स्टेट मेजर्स जैसी पहलें की गई हैं। भारत ने इन दोनों में से किसी पर भी हस्ताक्षर नहीं किए हैं।
  • हिंद महासागर टूना आयोग जैसे क्षेत्रीय मत्स्यन प्रबंधन के अलावा संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून कन्वेंशन (UNCLOS) के तहत दक्षिणी हिंद महासागर मत्स्यन समझौता किया गया है।
  • UNCLOS के अनुसार, तटीय देश अपने-अपने अनन्य आर्थिक क्षेत्रों (EEZ) के भीतर IUU की निगरानी के लिए जिम्मेदार हैं।
  • क्वाड (भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका) ने इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (IPMDA) की शुरुआत की है।

स्रोत – द हिन्दू

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