इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पर विजन दस्तावेज़ का दूसरा खंड जारी
हाल ही में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पर विजन दस्तावेज़ का दूसरा खंड जारी किया।
यह दस्तावेज़ इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के सहयोग से जारी किया गया है।
इसका शीर्षक है- “वर्ष 2026 तक 300 बिलियन अमरीकी डॉलर का सतत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और निर्यात”
इसका पहला खंड नवंबर 2021 में जारी किया गया था। इस खंड का शीर्षक था- “भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात और वैश्विक मूल्य श्रृंखला हिस्सेदारी में वृद्धि”।
इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के सामने चुनौतियां:
- चीन और वियतनाम की तुलना में भारत की लागत संबंधी असमर्थता।
- इलेक्ट्रॉनिक घटक प्रणाली की कमी।
- विकसित अर्थव्यवस्थाओं के साथ मुक्त व्यापार समझौतों का अभाव ।
- अनुपालन आवश्यकताएं और जांच प्रक्रिया कारोबारी माहौल को प्रभावित करते हैं। साथ ही, निवेश आकर्षित करने में बाधा के रूप में कार्य करते हैं।
मुख्य सिफारिशें
- इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में समग्र घरेलू मूल्य संवर्धन पर ध्यान केंद्रित करना।
- उन घरेलू कंपनियों का पोषण करना और बढ़ावा देना, जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हैं।
- संधारणीयता और व्यवसाय करने में सुगमता से संबंधित मुद्दों का समाधान करना।
- लागत अक्षमताओं को दूर करना और देश से निर्यात को बढ़ावा देना।
- भारत में डिजाइन तंत्र को प्रोत्साहित करना ।
स्रोत –द हिन्दू