केंद्र सरकार द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी संशोधन नियम, 2022 अधिसूचित
हाल ही में केंद्र सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम 2022 अधिसूचित किए हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी (IT) नियम, 2021 सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम, 2000 की धारा 87 के तहत जारी किए गए थे।
ये नियम सोशल मीडिया, डिजिटल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्स के लिए जारी किए गए हैं।
संशोधन नियमों के प्रमुख प्रावधान–
- शिकायत अपीलीय समितियां (GAC): केंद्र सरकार तीन महीने के भीतर एक या एक से अधिक शिकायत अपीलीय समितियां (GAC) स्थापित करेगी। प्रत्येक GAC में एक अध्यक्ष और दो पूर्णकालिक सदस्य होंगे। इनकी नियुक्ति केंद्र सरकार करेगी। GAC, मध्यवर्तियों (Intermediary) द्वारा नियुक्त शिकायत निपटान अधिकारियों के निर्णयों के खिलाफ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं की अपील पर सुनवाई करेगी।
- विवाद समाधान तंत्रः ऑनलाइन विवाद समाधान तंत्र की व्यवस्था की गई है। इसके तहत अपील दायर करने से लेकर निर्णय तक की संपूर्ण अपीलीय प्रक्रिया डिजिटल मोड में उपलब्ध होगी।
- मध्यवर्ती का दायित्वः मध्यवर्ती, शिकायत निपटान तंत्र के दुरुपयोग को रोकने के लिए उपयुक्त सुरक्षा उपायों को विकसित और कार्यान्वित कर सकते हैं।
- समयबद्ध कार्रवाई: कंपनियों को 24 घंटे के भीतर उपयोगकर्ताओं की शिकायतों को स्वीकार करना होगा और 15 दिनों के भीतर उनका समाधान करना होगा। सूचना हटाने के अनुरोध का निपटान 72 घंटों के भीतर करना होगा।
IT नियमों से जुड़ी चिंताएं–
- ये नियम सरकार के नियंत्रण को बढ़ाते हैं।
- इन्हें सरकार की आलोचना और असहमति को दबाने के लिए एक प्रभावी साधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- शिकायत निपटान अधिकारियों को अतिरिक्त उत्तरदायित्व सौंपा गया है।
IT संशोधन नियम, 2022 की जरूरत क्यों है?
- सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रसारित की जा रही दुर्भावनापूर्ण पोस्ट समुदायों के बीच नफरत को बढ़ावा दे रही है
- सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा स्व-विनियमन विफल रहा है।
- फेक न्यूज का चलन लगातार बढ़ रहा है।
- मजबूत शिकायत निपटान तंत्र का अभाव है।
स्रोत – द हिन्दू