IRDAI ने बीमा वाहकों के लिए मसौदा दिशा-निर्देश जारी किए
भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने बीमा वाहकों के लिए मसौदा दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
बीमा वाहक, IRDAI के ‘2047 तक सभी के लिए बीमा’ लक्ष्य की प्राप्ति का एक प्रमुख घटक है। इस पहल का उद्देश्य देश में बीमा तक पहुंच और उपलब्धता में सुधार करना है।
वर्ष 2047 तक ‘सबके लिए बीमा’ का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक के पास एक समुचित जीवन, स्वास्थ्य और संपत्ति बीमा कवर सुनिश्चित करना है।
साथ ही, यह भी सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक उद्यम का संचालन उचित बीमा कवर द्वारा समर्थित हो।
संपूर्ण बीमा पारितंत्र के तीन स्तंभ हैं: बीमा ग्राहक (पॉलिसी धारक), बीमा प्रदाता (बीमाकर्ता) और बीमा वितरक (मध्यवर्ती / एजेंट) ।
बीमा-वाहक संबंधी दिशा-निर्देशों के उद्देश्य –
- प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक समर्पित बीमा वितरण चैनल स्थापित किया जाएगा । यह चैनल बीमा समावेशन को बढ़ाने के साथ-साथ बीमा के बारे में जागरूकता भी फैलाएंगे ।
- प्रत्येक ग्राम पंचायत के भीतर बीमा के प्रसार के लिए स्थानीय संसाधनों की पहचान और विकास पर ध्यान दिया जाएगा।
- स्थानीय लोगों का विश्वास हासिल करने के लिए बीमा वाहक के रूप में महिलाओं को शामिल करने को प्रोत्साहित किया जाएगा ।
भारत में बीमा क्षेत्रक –
- भारत विश्व के उभरते बीमा बाजारों में पांचवां सबसे बड़ा जीवन बीमा बाजार है। भारत का बीमा बाजार हर साल 32-34% की दर से बढ़ रहा है।
- बीमा कंपनी के लिए स्वचालित मार्ग के तहत 74% तक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दी गई है।
- IRDAI भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) अधिनियम, 1999 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है ।
- इसका मुख्य कार्य भारत में बीमा क्षेत्रक का समग्र पर्यवेक्षण और विकास करना है |
- IRDAI की शक्तियां और कार्य IRDAI अधिनियम, 1999 तथा बीमा अधिनियम, 1938 में निर्धारित किए गए हैं ।
स्रोत – आई.आर.डी.ए.आई.