राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) में वंचित रह गए लोगों की शिकायतों की जांच
हाल ही में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens: NRC) में शामिल होने से वंचित रह गए लोगों की शिकायतों की जांच करने के लिए असम ने एक मंत्रिमंडलीय उप-समिति का गठन किया है।
यह उप–समिति उन 19 लाख लोगों की समस्याओं की जांच करेगी, जिन्हें अगस्त 2019 में प्रकाशित NRC की पूरक सूची (supplementary list) में शामिल नहीं किया गया था।
NRC के बारे में:
- यह एक प्रकार का रजिस्टर है, जिसमें सभी भारतीय नागरिकों का विवरण शामिल है।
- वर्तमान में, असम एकमात्र राज्य है जिसके पास NRC है। इसे पहली बार वर्ष 1951 में तैयार किया गया था और अंतिम बार वर्ष 2019 में अपडेट किया गया था।
- NRC को नागरिकता अधिनियम, 1955 तथा नागरिकता (नागरिकों का पंजीकरण और राष्ट्रीय पहचान-पत्र जारी करना) नियमावली, 2003 के प्रावधानों के अनुसार अपडेट किया गया था।
असम समझौता (वर्ष 1985) में निम्नलिखित प्रावधान किया गया थाः
- यदि असम का कोई निवासी 25 मार्च, 1971 से पहले असम में अपनी उपस्थिति, या अपने पूर्वज की उपस्थिति साबित कर सकता है तो उसे भारतीय नागरिक माना जाएगा।
- इस प्रकार, NRC को अपडेट करने की प्रक्रिया वर्ष 2013 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आरंभ हुई।
- NRC में किसी व्यक्ति का नाम शामिल नहीं होने पर, तुरंत उसे विदेशी नागरिक घोषित नहीं किया जाता है। ऐसे व्यक्तियों के पास “विदेशी विषयक अधिकरण” (Foreigners’ Tribunals) के सामने अपना केस प्रस्तुत करने का विकल्प होता है।
- यदि कोई व्यक्ति अधिकरण में अपना केस हार जाता है, तो वह हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है।
स्रोत –द हिन्दू