अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन
हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) की महासभा आयोजित हुई है।
ISA द्वारा एक वित्त पोषण सुविधा को मंजूरी प्रदान की है,साथ ही इस महासभा में ISA ने एक भुगतान गारंटी व्यवस्था ‘सोलर फैसिलिटी’ को भी स्वीकृति प्रदान की है।
सोलर फैसिलिटी का मुख्य उद्देश्य अफ्रीका में अल्पसेवित बाजारों (underserved markets ) में निवेश के लिए निजी पूंजी को आकर्षित करना है ।
अल्पसेवित बाजार (underserved markets ): ऐसे बाजार जहां उनकी क्षमता से कम वस्तुएं अथवा सेवाएं हैं। यह एक भुगतान गारंटी तंत्र है। इससे सौर परियोजनाओं में निवेश को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।
इसके दो वित्तीय घटक हैं:
- सौर भुगतान गारंटी कोषः यह कोष भुगतान की आंशिक गारंटी प्रदान करेगा। यह कोष उन भौगोलिक क्षेत्रों में निवेश को सक्षम करेगा, जिन्हें वर्तमान में निवेश प्राप्त नहीं हो रहा है।
- सौर बीमा कोषः यह परियोजना के राजस्व अर्जित करने से पहले के चरण में सौर विकासकर्ताओं के लिए बीमा प्रीमियम के बोझ को कम करेगा ।
ISA के बारे में
- ISA, भारत और फ्रांस का एक संयुक्त प्रयास है। इसका उद्देश्य सौर ऊर्जा समाधानों के कार्यान्वयन के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध प्रयासों को संगठित करना है।
- ISA महासभा निर्णय लेने वाली एक शीर्ष संस्था है। इसके 110 सदस्य हैं।
- ISA का मिशन वर्ष 2030 तक सौर ऊर्जा में 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश को आकर्षित करना है। साथ ही, प्रौद्योगिकी की लागत और इसके वित्तपोषण में आने वाली लागत को कम करना है।
- ISA की सदस्यता संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों के लिए खुली है।
ISA के तहत शुरू की गई पहलें:
- ISA सचिवालय ने ISA सोलर टेक्नोलॉजी एंड एप्लीकेशन रिसोर्स सेंटर का शुभारंभ किया है। इसका उद्देश्य ISA सदस्य देशों में प्रशिक्षण के माध्यम से क्षमता निर्माण प्रयासों का समर्थन करना है।
- मिड–करियर प्रोफेशनल्स के लिए ISA सोलर फैलोशिपः इसे सौर ऊर्जा परियोजनाओं आदि के प्रबंधन के लिए आवश्यक कुशल और योग्य पेशेवर कार्यबल के निर्माण हेतु आरंभ किया गया है ।
- वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड (OSOWOG): इसे आपस में जुड़े नवीकरणीय ऊर्जा संसाधनों की एक वैश्विक प्रणाली का निर्माण करने के लिए आरंभ किया गया है। इसे ISA और विश्व बैंक समूह की साझेदारी में शुरू किया गया है।
स्रोत – द हिन्दू