नासा ने पृथ्वी पर जल के सर्वेक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय मिशन शुरू किया

नासा ने पृथ्वी पर जल के सर्वेक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय मिशन शुरू किया

  • हाल ही में राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (National Aeronautics and Space Administration- NASA) के नेतृत्व वाले अंतर्राष्ट्रीय उपग्रह, सरफेस वाटर एंड ओशन टोपोग्राफी (SWOT) को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा दक्षिणी कैलिफोर्निया से लॉन्च किया गया है।
  • अंतर्राष्ट्रीय ‘सरफेस वाटर एंड ओशन टोपोग्राफी'(SWOT) मिशन नासा और फ्रांसीसी अंतरिक्ष एजेंसी के मध्य एक सहयोगात्मक पहल है।
  • इस मिशन में कनाडा और ब्रिटेन की अंतरिक्ष एजेंसियां भी योगदान कर रही हैं ।
  • SWOT ऐसा पहला उपग्रह मिशन है जो अंतरिक्ष से पृथ्वी की शुद्ध जल प्रणालियों का पहला वैश्विक सर्वेक्षण करेगा।
  • SWOT प्रत्येक 21 दिनों में कम-से-कम एक बार 78 डिग्री दक्षिण और 78 डिग्री उत्तरी अक्षांश के बीच संपूर्ण पृथ्वी की सतह को कवर करेगा ।
  • SWOT रॉकेट के पेलोड में विश्व के 90% से अधिक महासागरों, झीलों, जलाशयों और नदियों के उच्च-गुणवत्ता माप एकत्र करने के लिये उन्नत माइक्रोवेव रडार तकनीक शामिल है।
  • यह Ka – बैंड रडार इंटरफेरोमीटर (KaRIn ) का उपयोग करेगा। SWOT को विशेष रूप से के -बैंड रडार इंटरफेरोमीटर (Ka-band Radar Interferometer) या करिन (KaRIn).  जैसे उपकरणों का उपयोग करके पानी की ऊंचाई को मापने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • यह रडार स्पंदन (pulses) को जल की सतह से टकराता है तथा अंतरिक्ष यान के दोनों ओर स्थित दो एंटीना का उपयोग करके वापस आए संकेतों को प्राप्त करता है।

SWOT का महत्व

  • यह उस प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान करेगा, जिसके तहत महासागर वायुमंडलीय ऊष्मा और कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर प्राकृतिक रूप से वैश्विक तापमान को नियंत्रित करते हैं तथा जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद करते हैं।
  • इस मिशन से टिपिंग पॉइंट को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलेगी। ‘टिपिंग पॉइंट’ वह बिंदु है, जिस पर महासागर ऊष्मा अवशोषित करने की बजाय उसे उत्सर्जित करना आरंभ कर देते हैं। इस तरह वैश्विक तापवृद्धि की गति बढ़ जाती है ।
  • यह बाढ़ और सूखा सहित अन्य आपदाओं से निपटने के लिए बेहतर तरीके से तैयारी करने तथा योजना बनाने में नीति निर्माताओं की सहायता करेगा ।
  • यह समुद्र स्तर में वृद्धि पर बेहतर तरीके से नजर रखने में मदद करेगा। समुद्र स्तर में वृद्धि समुदायों और तटीय पारिस्थितिकी – तंत्र को सीधे प्रभावित करती है।

स्रोत – द हिन्दू

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